Delhi Ordinance Issue: केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्ष को एकजुट करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर उन्होंने बुधवार (7 जून) को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की. उन्होंने सपा के समर्थन के लिए अखिलेश को धन्यवाद भी दिया.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "अगर गैर-बीजेपी पार्टियां एक साथ आती हैं तो यह अध्यादेश राज्यसभा में पराजित हो सकता है और इससे एक मजबूत संदेश जाएगा कि मोदी सरकार 2024 में सत्ता में नहीं आ रही है. मैं सपा प्रमुख अखिलेश यादव को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी राज्यसभा में हमारा समर्थन करेगी."
क्या कुछ बोले अरविंद केजरीवाल?
केजरीवाल ने बताया कि अखिलेश यादव से उनकी काफी लंबी बातचीत हुई है. दिल्ली के लोगों ने वोट देकर हमको चुना है. उन्होंने कहा तीन महीने बाद ही मोदी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिल्ली सरकार की शक्तियां छीन ली थी. 8 साल की लड़ाई के बाद हमारी शक्तियां वापस मिली थी. अध्यादेश को लेकर उन्होंने कहा कि जब यह संसद के अंदर आएगा तो लोकसभा में पास हो जाएगा लेकिन राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है.
कई नेताओं से मिल चुके हैं अरविंद केजरीवाल
अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने के लिए इससे पहले आप नेता केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलाडु के सीएम एमके स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं.
अध्यादेश क्या है?
दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही केंद्र सरकार ने इसे पलट दिया और अध्यादेश ले आई. इसी के खिलाफ केजरीवाल मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एक करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं.
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