Delhi Ordinance Issue: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा है कि दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले पर केंद्र के हालिया अध्यादेश के कारण वह नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार की ओर से हाल में लाए गए अध्यादेश के जरिये नौकरशाही पर दिल्ली की निर्वाचित सरकार के नियंत्रण को वापस ले लिया गया है.


इससे पहले, दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को सर्वसम्मति से यह फैसला दिया था कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी और प्रशासकीय नियंत्रण है.


पंजाब के CM भी नहीं होंगे नीति आयोग की बैठक में शामिल


AAP शासित पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी शनिवार (27 मई) को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नीति आयोग के संचालन परिषद की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं.


'आप' के एक नेता ने बताया कि निधि आवंटित करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के साथ कथित भेदभाव के विरोध में भगवंत मान ने यह फैसला किया है. पार्टी की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने चंडीगढ़ में कहा कि मुख्यमंत्री मान ने 3,600 करोड़ रुपये के बकाया ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) जारी करने की मांग को केंद्र के समक्ष उठाया है, लेकिन वह (केंद्र सरकार) इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.


AAP प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने आगे यह कहा


मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि सीएम भगवंत मान इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात कर चुके हैं. कांग ने कहा, “केंद्र सरकार पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है, इसलिए इसके विरोध में मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे.”


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