नई दिल्लीः दिल्ली के लोगों को सीलिंग से राहत मिलने की उम्मीद बेहद कमज़ोर पड़ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान 2021 में बदलाव पर रोक लगा दी है.


9 फरवरी को कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) से पूछा था कि वो मास्टर प्लान में बदलाव क्यों करना चाहता है? क्या इस बदलाव से पर्यावरण पर पड़ने वाले असर पर विचार किया गया है? DDA ने अभी तक इसका जवाब दाखिल नहीं किया है. इससे नाराज होकर आज कोर्ट ने मास्टर प्लान में बदलाव पर रोक लगा दी.


जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा, "DDA की दादागिरी नहीं चलेगी. क्या आप सोचते हैं कि कोर्ट की कार्रवाई की अवहेलना कर सकते हैं?"


बीजेपी नेताओं को राहत
वहीं सीलिंग में बाधा पहुंचाने के मामले में विधायक ओपी शर्मा और पार्षद गुंजन गुप्ता आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. उन्हें कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने घटना का वीडियो देखने के बाद माना कि दोनों सीलिंग का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे. उन्होंने सीलिंग दस्ते के काम में अड़चन नहीं डाली. दोनों ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वो आगे भी कभी सीलिंग करने वाली टीम के बाधा नहीं डालेंगे. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें अवमानना के आरोप से राहत दे दी.


केजरीवाल के अपमान पर कोर्ट नाराज़
कोर्ट ने वीडियो में नज़र आ रहे बैनर में दिल्ली के मुख्यमंत्री के बारे में अपमानजनक बातें होने पर आपत्ति जताई. जस्टिस लोकुर ने कहा, "सीलिंग का आदेश कोर्ट की तरफ से बनाई गई मॉनिटरिंग कमिटी ने दिया है. विरोध के नाम पर संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के बारे में ऐसी बातें कहना ठीक नहीं. मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का इस तरह से अपमान गलत है. सबको ये समझने की ज़रूरत है."