नई दिल्ली: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिसवालों और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प का एक नया वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में दर्जनों वकील लॉकअप के अंदर घुसकर पुलिसवालों को पीटते दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद पुलिसवालों ने एक साथ मिलकर वकीलों पर हमला कर दिया.
यह सिलसिला चलता रहा और वकीलों के हमले से घबराए पुलिसवालों ने खुद को लॉकअप के अंदर बंद किया. वकीलों ने पुलिस लॉकअप पर हमला बोल दिया. ताला तोड़कर पुलिसवालों की पिटाई की. उन्होंने पुलिस लॉकअप में भी आग लगा दी. फिर पुलिसवालों ने पानी से आग बुझाई.
वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हुए हैं और 17 वाहनों को नुकसान हुआ है. पुलिस ने बताया कि घायलों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरिंदर कुमार, कोतवाली और सिविल लाइंस थाने के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के ऑपरेटर भी हैं . वकीलों ने आरोप लगाया कि उनके चार सहयोगी घायल हो गए. इसमें एक पुलिस की गोलीबारी में घायल हुआ. हालांकि, पुलिस ने इनकार किया कि उसने गोली चलायी.
बार एसोसिएशनों ने घटना की निंदा की और चार नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी की सभी जिला अदालतों में एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल ने भी वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ इस मामले को लेकर पांच घंटे तक बैठक की.
तीस हजारी बार एसोसिएशन के सचिव जयवीर सिंह चौहान ने बताया कि एक वकील की कार, पुलिस की जेल वैन को छू गयी जिसके बाद वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हो गयी .
चौहान ने आरोप लगाया, ‘‘इसके बाद उन्हें हवालात ले जाया गया और बुरी तरह पीटा गया. थाना प्रभारी आए लेकिन भीतर जाने नहीं दिया गया. मध्य और पश्चिमी जिले के जिला न्यायाधीश, छह अन्य न्यायाधीशों के साथ वहां गए लेकिन वकील को नहीं निकलवा पाए.’’
आगे उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश जब जा रहे थे तो 20 मिनट बाद पुलिस ने चार चक्र गोलियां चलायी. उन्होंने दावा किया कि अन्य वकीलों के साथ बाहर में प्रदर्शन कर रहे एक वकील रंजीत सिंह मलिक गोली से घायल हो गए. उन्होंने बताया कि घायल वकीलों को सेंट स्टीफन अस्पताल ले जाया गया .
वहीं अधिकारियों ने बताया कि झड़प के दौरान एक वाहन में आग लगा दी गयी और आठ अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. आठ बाइकों में भी आग लगा दी गयी. दमकल विभाग ने मौके पर 10 गाड़ियों को भेजा . झड़प के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और दंगा रोधी वाहनों को तैनात किया गया.
पुलिस ने बताया कि झड़प के कारण अदालत परिसर के भीतर फंसे 80 विचाराधीन कैदियों को बाद में पुलिस वाहनों से संबंधित जेलों में पहुंचाया गया. बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने शनिवार को तीस हजारी अदालत परिसर में झड़प के दौरान कथित पुलिस कार्रवाई की निंदा की. बीसीआई ने इस पुलिस कार्रवाई को क्रूर करार दिया और पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.