नई दिल्ली: जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रों के 'शांतिपूर्ण प्रदर्शन' पर हुए लाठीचार्ज और एक महिला फोटो जर्नलिस्ट से मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने माफी मांगी है. पुलिस की इस सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा था. फोटो जर्नलिस्ट का आरोप था कि पुलिस ने उसके साथ छेड़छाड़ की और कैमरे छीन लिए गए.


इस मामले पर अपनी राय रखते हुए नीरजा चौधरी (पोलिटिकल एक्सपर्ट) ने कहा कि, '' पुलिस ने माफी मांगी है लेकिन माफी का कोई मतलब नहीं, स्टेट की तरफ से वायलेंस लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. महिला फोटोग्राफर चुनौतीपूर्ण काम करती हैं भारी भरकम कैमरा उठाती है लेकिन स्टेट की तरफ से ऐसा रवैया शर्मसार करने वाला है.


इस घटना के बाद विभिन्न मीडिया संगठनों से सम्बद्ध पत्रकारों के एक समूह ने आज दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर मीडिया कर्मियों के साथ मारपीट एवं छेड़छाड़ के आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.


कल दो पत्रकारों ने अलग अलग शिकायतें की थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि जेएनयू छात्रों एवं शिक्षकों द्वारा आयोजित किए गए विरोध प्रदर्शन मार्च के दौरान उनमें से एक के साथ छेड़छाड़ की गयी जबकि दूसरे को पीटा गया.


पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए कल लक्ष्मी बाई नगर में संजय झील के पास उनपर लाठी चार्ज किया और पानी की बौछार की. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेंस प्रेस कॉरपोरेशन, प्रेस एसोसियेशन और फेडरेशन ऑफ प्रेस क्लब्स इन इंडिया द्वारा जारी किए एक संयुक्त बयान में दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई है.


प्रदर्शनकारियों ने पुलिस आयुक्त से अपनी शिकायतें सुनने की भी मांग की. प्रदर्शन कर रही एक पत्रकार ने कहा, ‘‘ कल जो कुछ हुआ वह ना केवल स्तब्ध करने वाला है बल्कि डरावना भी है. यह शहर में कानून- व्यवस्था लागू करने वाले पुलिस बल में अनुशासन की कमी को दिखाता है. यह खासकर महिला संवाददाताओं के लिए बदतर है.’’


वहीं नई दिल्ली जिले के डीसीपी मधुर वर्मा ने ट्विट कर कहा कि जेएनयू के छात्रों ने हौज खास के एसएचओ के साथ मारपीट की. उनके चोट लगी है वह बुरी तरह जख्मी हो गए. पुलिस ने बैरिकेड को पार करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन (पानी की बौछार) का इस्तेमाल किया. उन्होंने एक अन्य वीडियो शेयर करते हुए कहा कि किस परिभाषा के आधार पर कोई जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन को शांतिपूर्ण कह सकता है?''