बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 5 लोगों से दिल्ली पुलिस कर रही है पूछताछ, जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी का आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक ग्रुप प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ नारेबाजी और मुस्लिमों को धमकी देते हुए नजर आ रहा है. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर अश्विनी उपाध्याय की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है.
नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी के मामले में अश्विनी उपाध्याय समेत पांच लोगों से दिल्ली पुलिस पूछताछ कर रही है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि रविवार को जंतर-मंतर के पास भड़काऊ नारेबाजी के मामले में अश्विनी उपाध्याय समेत पांच लोगों की जांच होगी. हालांकि न्यूज एजेंसी एएनआई ने पहले बताया था कि इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है. अब बताया जा रहा है कि पूछताछ चल रही है. जंतर-मंतर पर रविवार को भारत जोड़ो आंदोलन द्वारा आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे. आरोप है कि इस दौरान अश्विनी उपाध्याय ने मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की.
रविवार को जंतर-मंतर के पास भड़काऊ नारेबाजी के मामले में अश्विनी उपाध्याय समेत पांच लोगों से पूछताछ चल रही है: दिल्ली पुलिस
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 10, 2021
सोशल मीडिया में एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें जंतर-मंतर पर एक प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी हो रही है, इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में मामला दर्ज किया है. भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि अधिवक्ता और पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था. हालांकि मुसलमान विरोधी नारेबाजी करने वालों से उन्होंने किसी तरह के संबंध से इनकार किया है.
श्रीवास्तव ने कहा, “यह प्रदर्शन औपनिवेशिक कानूनों के खिलाफ हुआ था और इस दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई. हमने वीडियो देखा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन थे. पुलिस को नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.”
उपाध्याय ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में किसी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. उन्होंने कहा, “मैंने वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को एक शिकायत दी है. अगर वीडियो प्रमाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. मुझे कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन हैं. मैंने उन्हें पहले कभी नहीं देखा, कभी उनसे मिला नहीं हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था. जब तक मैं वहां था, वे वहां नहीं दिखे. अगर वीडियो फर्जी है, तो भारत जोड़ो आंदोलन को बदनाम करने के लिये झूठा प्रचार किया जा रहा है.”
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