दिल्ली पुलिस ने नवजात बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इस गिरोह के सदस्य बच्चे चुराकर निसंतान लोगों को बेच दिया करते थे. पुलिस के मुताबिक इस गिरोह में ग्रेटर नोएडा के आईवीएफ सेंटर में काम करने वाली 2 महिला कर्मचारी भी शामिल थी. जिनकी मदद से गिरोह के बाकी सदस्य उन निसंतान दंपति का पता लगाते थे जिनके औलाद नहीं होती थी और फिर ऐसे दंपतियों को बच्चा बेच दिया करते थे. जानकारी के मुताबिक इस गिरोह के सदस्य आईवीएफ सेंटर की मदद से निसंतान दंपत्ति का पता लगाते थे और फिर बच्चे को लाखों रुपये में उनके हाथों बेच देते थे.
नवजात बच्चा चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश
दरअसल, हाल ही में दिल्ली के बलजीत नगर इलाके से एक नवजात शिशु लापता हो गया था. उस मामले में इशरत नाम की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी चाची का 5 दिन के बेटे का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज में शिकायतकर्ता महिला इशरत ही बच्चे को ले जाते हुए नजर आई. पुलिस ने जब इशरत से सख्ती से पूछताछ की तो उसने गुनाह कुबूल कर लिया और बताया कि पैसों के लालच में उसने बच्चे के पिता के साथ ही मिलकर नवजात शिशु को बेच दिया है.
पुलिस ने फरीदाबाद से बरामद किया बच्चा
पुलिस ने तुरंत टीम बनाकर ग्रेटर नोएडा से पहले आईवीएफ सेंटर में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को गिरफ्तार किया और फिर इन सब की निशानदेही से फरीदाबाद से नवजात शिशु को सकुशल बरामद कर लिया. पूछताछ में उन्होंने बताया कि बच्चे को करीब 2 लाख रुपये में बेचा गया था. जिसमें से बच्चे के पिता को 1 लाख रुपये देने का वादा किया गया था. जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि इन्होंने फरीदाबाद से बच्चे के एडॉप्शन के कागजात भी तैयार करा लिए थे. अब पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है इन्होंने कागज किस तरह तैयार कराएं और अब से पहले इस तरह से कितने बच्चों को चुरा चुके है.
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