Delhi Crime: ऐसा चोर जिसने अपने नाम का बनवा रखा है मंदिर, पढ़ें 5000 से ज्यादा गाड़ियां चुराने वाले अनिल चौहान की पूरी कुंडली
दिल्ली पुलिस ने 90 के दशक से गाड़ी चुरा रहे ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है जिसके पास करोड़ों की संपत्ति है और उसने अपने नाम पर मंदिर बनवा रखा है.
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Delhi's Auto theief Arrested: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अनिल चौहान नाम के एक शातिर कार चोर को गिरफ्तार किया है जिसने अभी तक 5000 से ज्यादा गाड़ियां चोरी की हैं और अपने नाम पर एक मंदिर भी बनवा रखा है. सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी श्वेता चौहान (Shweta Chauhan)ने बताया कि ये शातिर चोर 90 के दशक से गाड़ियों की चोरी कर रहा है. उन्होंने कहा कि ये मास्टर थीफ है और 90 के दशक से गाड़ियों की चोरी कर रहा है.
उन्होंने बताया कि जो भी ऑटो लिफ्टर हैं यह उनका गुरू है और यह दिल्ली एनसीआर में गाड़ियां चुराता है. उन्होंने बताया कि वह गाड़ियों को चुराने के बादल उन गाड़ियों को अलग-अलग राज्यों में बेच देते है. इसने अब तरक अपनी चुराई हुई गाड़ियों को नेपाल और असम में बेचा है.
पुलिस ने बताया कि ये हमेशा फ्लाइट में सफर करता है और इसने बहुत ही ग्लैमरस लाइफ स्टाईल अपना रखी है. पुलिस ने बताया कि कई बार जब पुलिस इसे पकड़ने गई तो इसने पुलिस पर भी गोली चलाने से गुरेज नहीं किया. डीसीपी श्वेता चौहान ने कहा कि इस चोर पर 181 मामले दर्ज हैं. अकेले 146 केस दिल्ली में दर्ज हैं.
ईडी ने जब्त की है आरोपी की संपत्ति
पुलिस ने बताया कि इस शातिर चोर ने चोरी के जरिए अपनी काफी संपत्ति और पैसा बनाया है, जिस वजह से यह ईडी की नजरों में आ गया. ED ने कार्रवाई करते हुए असम में इसकी संपत्ति को सील कर दिया, अनुमान के मुताबिक असम में सील की गई संपत्ति का मूल्य 10 करोड़ है. पुलिस को गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि ये चोर दिल्ली में एक्टिव है और इसी जानकारी के आधार पर मई में पुलिस ने इसके ऊपर सर्विलांस लगाया और जब ये वारदात को अंजाम देने गया तो पुलिस ने इसे धरदबोचा.
क्या बोली डीसीपी श्वेता चौहान?
डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि ऐसा पता चला है कि असम में जाकर यह सरकारी ठेकेदार बन गया. वहां पर इसने बहुत पैसा बनाया और ईडी की नजर में आ गया. यह वहां पर क्लास वन कॉन्ट्रैक्टर था. ईडी ने इसकी जांच की है और इसके जरिए काफी संपत्ति भी जब्त की है. इसके पास कितनी संपत्ति है फिलहाल यह कहना बेहद मुश्किल है लेकिन हां इसकी काफी संपत्तियां हैं. उन्होंने कहा कि वहां पर इसने अपने नाम का एक मंदिर भी बनवा रखा है.
किन गाड़ियों को बनाता था निशाना?
पुलिस के अनुसार इसने 90 के दशक में गाड़ियों का शीशा तोड़कर चोरी की वारदातों को अंजाम दिया, लेकिन बदलते वक्त के साथ इसकी गाड़ियां भी बदलती गईं और इसके शातिर चोर होने का तरीका भी बदल गया. इसने बदलते समय के साथ गाड़ियों के रिमोट सिस्टम के थ्रू गाड़ियों को बनाना सीखा. उस टाइम वो मारूती सुजुकी एक ही गाड़ी चुराया करता था.
अभी वह बड़ी गाड़ियां फॉर्च्यूनर और ब्रेजा चुरा रहा था, क्योंकि इन गाड़ियों की डिमांड ज्यादा होती है. पहले वह शीशे तोड़कर गाड़ियां चुराता था फिर उसको चाबी बनाने की कला आ गई और अब ये गाड़ियों को रिप्रोग्राम करके गाड़ियों को चुरा लेता है. फिलहाल पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि इस चोर के नेटवर्क में कितने लोग जुड़े हुए हैं. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
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