Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने कंप्यूटर इंजीनियर्स को किया गिरफ्तार, पतंजलि पैकेज के नाम पर कर रहे थे ठगी
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने पतंजलि योग ग्राम हरिद्वार में इलाज पैकेज के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. मामले में बिहार के तीन कंप्यूटर इंजीनियर्स को गिरफ्तार किया है.
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो पतंजलि योग ग्राम, हरिद्वार में आयुर्वेद इलाज का पैकेज देने के बहाने देशभर में ठगी कर रहा था. पुलिस ने रैकेट में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में से एक वेबसाइट डेवलपर है. वह कम्पयूटर एप्लीकेशन में मास्टर्स कर रहा है. ये ठग लोगों से पतंजलि, हरिद्वार में बुकिंग उपलब्ध कराने के नाम पर पेयमेंट लेकर उन्हें फर्जी रसीद और बुकिंग वाउचर देते थे. लेकिन जब लोग हरिद्वार पहुंचते तो उन्हें पता चलता कि उनके साथ ठगी हुई है. पुलिस की जांच में अब तक काफी पीड़ित लोगों की पहचान की जा चुकी है.
आरोपियों की पहचान हरेन्द्र कुमार उर्फ हैरी (25), रमेश पटेल उर्फ घंटू (31) और आशीष कुमार उर्फ छोटू (22) के रूप में की गयी है. सभी मूलरुप से नालंदा, बिहार के निवासी हैं. मामले में पुलिस की तहकीकात जारी है. पता लगाया जा रहा है कि अब तक ये गैंग कुल कितने लोगों को अपना शिकार बना चुका है.
20 फर्जी वेबसाइट की हुई पहचान
पुलिस ने जांच के दौरान 20 फर्जी वेबसाइट की पहचान करने के बाद उन्हें ब्लॉक करने के लिए सम्बंधित एजेंसियों से सम्पर्क किया है। आरोपियों के पास से 5 लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 19 सिमकार्ड, 12 डेबिट कार्ड, चार चैक बुक, 6 पासबुक व बैंक में मौजूद 1,66,000 रूपए फ्रीज कराए हैं।
क्या है मामला
नार्थ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल के जरिए साइबर पुलिस स्टेशन को नितिन शर्मा नामक व्यक्ति से शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने बताया कि बेटे के आयुर्वेदिक इलाज के लिए गूगल पर सर्च किया और दिखाई गई एक वेबसाइट में मौजूद मोबाइल नंबर पर कॉल की गई, जहां फाेन उठाने वाले ने खुद को डॉक्टर सुनील गुप्ता के तौर पर पेश किया. उसने कहा कि वह पतंजलि से बोल रहा है. उन्हें रजिस्ट्रेशन फीस के लिए 10 हजार रुपए जमा करने को कहा गया.
बेटे का इलाज कराने के लिए उन्होंने दिए गए अकाउंट अलग अलग बार रुपये जमा कराए. उनकी तरफ से कुल 2 लाख 40,500 रुपए जमा कराए गए. बाद में जब वह पतंजलि निर्मायन, हरिद्वार पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनकी कोई बुकिंग या रेजिस्ट्रेशन नहीं है. तब उन्हें खुद के साथ हुए धोखे का पता चला. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की. कॉल डिटेल और बैंक में जमा की गई राशि से जुड़ी जानकारियां जुटायी गई.
धोखाधड़ी में इस्तेमाल हुआ मोबाइल नंबर नालंदा बिहार में एक्टिव मिला, जबकि ठग की रकम वेस्ट बंगाल के विभिन्न एटीएम से निकाली गई थी. जांच के दौरान एक आरोपी को पटना, बिहार से गिरफ्तार किया गया. उसने आरोपी के लिए फर्जी वेबसाइट तैयार की थी। इससे पूछताछ के बाद मुख्य आरोपी की पहचान रमेश पटेल के तौर पर हुई, जिसके बाद उसे और इसके सहयोगी आशीष को भी पकड़ लिया गया.
बंगाल, ओडिशा, असम से खरीदते थे फर्जी सिम
पुलिस का दावा है कि आरोपी रमेश और आशीष ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उन्होंने वेस्ट बंगाल, असाम और ओडिशा से विभिन्न सोर्स के जरिए प्री एक्टीवेटिड सिम खरीदे थे. लोगों को आयुर्वेदिक इलाज के लिए झांसे में लेने हेतु फर्जी वेबसाइट तैयार की गई थी. जब कोई दिए गए नंबर पर संपर्क करता तो उनसे इलाज और बुकिंग के नाम पर रकम ऐंठ ली जाती थी. वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग की कोई सुविधा नहीं दी गई थी. आरोपी वेबसाइट पर अपने नंबर भी लगातार बदलते रहते थे.