नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड के किंगपिन को गिरफ्तार किया है. आरोपी दुबई से वापसी पर इन्दिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पकड़ में आया. दिल्ली पुलिस का कहना है कि सरगना ने हाई रिटर्न्स देने के नाम पर लोगों को करोड़ों रुपए का चपत लगाया और वारदात को अंजाम देकर दुबई में रहने लगा. हाई रिटर्न्स की लालच में सैकड़ों लोगों ने बोगस क्रिप्टो करेंसी पर पैसा लगाया था. फिलहाल ईओडब्ल्यू 3 दिन की रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर रही है.
दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड का किंगपिन
पुलिस के मुताबिक साल 2017 में सैकड़ों लोगों ने उसकी फ्रॉड क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया. हालांकि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को अब तक 45 शिकायत मिली थी. जिनमें धोखाधड़ी की रकम करीब 2.50 करोड़ रुपए बताई जा रही है. जांच के दौरान आर्थिक अपराध शाखा को पता चला कि उमेश वर्मा ही एम/एस प्लूटो एक्सचेंज का मालिक था. उसने अपनी कंपनी के जरिए क्रिप्टो करेंसी "कॉइन जैरस" लॉन्च की थी. आरबीआई ने पहले ही इस तरह के कॉइन और करेंसी को बैन किया हुआ था.
धोखाधड़ी की रकम करीब 2.50 करोड़ रुपए का अनुमान
उसने "प्लूटो एक्सचेंज क्रिप्टो करेंसी" नाम की अपनी कंपनी में निवेश करने पर हर महीने 20 से 30 फीसद रिटर्न्स देने का झांसा दिया था. इसके लिए उसने www.plutoexchange.com और www.f2poolmining.co नाम की दो वेबसाइट भी बनाई हुई थी. वेबसाइट पर निवेशकों का रजिस्ट्रेशन किया जाता था. अगर एक निवेशक दूसरा ग्राहक लेकर आता तो उसे कमीशन भी मिलता. पुलिस का कहना है कि उमेश वर्मा ने निवेशकों को तय रिटर्न्स नहीं दिए और बाद में उसके चेक बाउंस होने लगे. आखिरकार आरोपी देश से फरार होने में सफल हो गया. आरोपी उमेश वर्मा दिल्ली यूनिवर्सिटी से पासआउट है और पहले ग्रीटिंग कार्ड और ज्वेलेरी का कारोबार करता था. साल 2017 में सोना तस्करी के आरोप में उमेश डीआरआई के हत्थे चढ़ चुका था.
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