Delhi Police Arrest Terrorist: दिल्ली पुलिस ने 22 साल से फरार चल रहे प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य हनीफ शेश को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. उसके ऊपर साल 2001 में राजद्रोह का आरोप लगाया गया था. हनीफ शेख के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गितविधि अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए थे. पुलिस के अनुसार हनीफ शेख इस्लामिक मूवमेंट पत्रिका के उर्दू संस्करण का संपादक था. उसने पिछले 25 सालों में कई मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाया है.
सिमी संगठन का खतरनाक आतंकवादी
हनीफ शेख बहुत ही चालाकी से खुद को छिपाकर रखा था. पुलिस के पास हनीफ तक पहुंचने का एकमात्र सुराग इस्लामिक मूवमेंट पत्रिका में प्रकाशित हनीफ हुडाई नाम था. इस वजह से पुलिस को उसे खोजना काफी मुश्किल हो गया था. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के उपायुक्त अंकित सिंह के मुताबिक वह सिमी संगठन का एक खतरनाक आतंकवादी है और महाराष्ट्र के भुसावल में रह रहा था. उसके खिलाफ महाराष्ट्र में यूएपीए और देश विरोधी गितिविधियों के तहत मामले दर्ज हैं.
पुलिस के मुताबकि हनीफ शेख महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक और केरल में सिमी संगठन की बैठकों में भाग लेता था. दिल्ली की एक अदालत ने उसे साल 2002 में भगोड़ा घोषित कर दिया था. कई सालों से उसकी तलाश में जुटी पुलिस को जानकारी मिली कि हनीफ शेख ने अपनी पहचान बदल ली है औऱ अब वह मोहम्मद हनीफ बनकर रह रहा है.
पहचान छिपाकर रह रहा था
पुलिस ने बताया कि हनीफ भुसावल के एक उर्दू माध्यम के नगरपालिका स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे. इस जानकारी के बाद पुलिस ने 22 फरवरी को उसे पकड़ने का प्लान बनाया और भुसावल से पकड़ लिया.
हनीफ शेख ने साल 1997 में मारुल जलगांव से डिप्लोमा की डिग्री हासिल की और उसी साल वह सिमी संगठन से जुड़ गया था. धीरे-धीरे वह इस समूह के साप्ताहिक कार्यक्रमों में भाग लेना शुरू कर दिया और युवा मुस्लिमो को इस संगठन में शामिल करने के लिए उन्हें कट्टपंथी बनाने लगा.
उसके काम से प्रभावित होकर तत्कालीन सिमी प्रमुख ने हनीफ शेख को साल 2001 में इस्लामिक मूवमेंट के उर्दू संस्करण का संपादक बना दिया. इसी साल पुलिस छापा पड़ने के बाद हनीफ शेख अपने कुछ साथी के साथ भागने में कामयाब रहा और गिरफ्तारी से बचने के लिए जलगांव के भुसावल आकर रहने लगा था.
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