भारत के खिलाफ 'विदेशी प्रोपेगेंडा' पर दिल्ली पुलिस सख्त, गूगल से toolkit अपलोड करने वाले का IP एड्रेस मांगा
पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के किसान आंदोलन पर शेयर किए टूलकिट पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है. यह टूलकिट कहां तैयार हुआ और कहां से अपलोड किया गया, इसका पता लगाने के लिए पुलिस गूगल से जानकारी मांगी है. टूलकिट पर विवाद होने पर ग्रेटा ने ट्वीट डिलीट कर दिया था.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को लेकर ग्रेटा थनबर्ग के शेयर किए गए टूल किट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस अब गूगल से आईपी एड्रेस और लोकेशन की जानकारी मांगने जा रही है, जिससे पता लग के कि डॉक्यूमेंट कहां बनाए गए और कहां से सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गूगल को इसलिए लिखा जा रहा जिससे ये पता चल सके कि किसने इन डाक्यूमेंट्स को तैयार किया और कहां से अपलोड किया गया.
क्या है टूलकिट विवाद ? किसान आंदोलन के समर्थन में स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ट्वीट किया. ट्वीट में आंदोलन कैसे करना है, इसकी जानकारी वाले टूलकिट को साझा किया गया. टूल किट में किसान आंदोलन को बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम के बारे में बताया गया है. ट्वीट में कौन सा हैशटैग लगाना है, क्या करना है, कैसे बचना है, इसकी जानकारी दी गयी है. पहले वाले टूलकिट को डिलीट किया और दोबारा अपडेट करके ट्विटर पर शेयर किया.
टूल किट क्या है ? डिजिटल हथियार, जिसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर आंदोलन को हवा देने के लिए होता है. पहली बार अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान इसका नाम सामने आया था. इसके जरिए किसी भी आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों जोड़ा जाता है. इसमें आंदोलन में शामिल होने के तरीकों को बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया जाता है.
आंदोलन के खिलाफ पुलिस अगर एक्शन लेती है तो क्या करना है, ये भी बताया जाता है. सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है इसकी भी जानकारी दी जाती है. प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दिक्कत आए तो क्या करें और किससे संपर्क करें. इसकी भी डिटेल दी जाती है.
कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग ? ग्रेटा थनबर्ग स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट हैं, 11 साल की उम्र से जलवायु परिवर्तन के लिए काम कर रही है. जलवायु परिवर्तन की मुहिम के लिए स्वीडन की संसद के बाहर हर शुक्रवार प्रदर्शन करती थीं. दादा एस अरहैनियस बहुत बड़े वैज्ञानिक थे, साल 1903 में उन्हें केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार मिला था. मां ओपेरा सिंगर हैं, जबकि पिता एक्टर हैं. साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन पर दिया उनका भाषण बेहद चर्चित हुआ था.
ग्रेटा अपने भाषण में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनियाभर के नेताओं की आलोचना की थी. संयुक्त राष्ट्र में भाषण की वजह से टाइम मैग्जीन ने साल 2019 में पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया था. पर्यावरण के अलावा कई दूसरे मुद्दों को लगातार सोशल मीडिया पर उठाती रहती हैं. अपने विचारों की वजह से कई बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के निशाने पर भी रही हैं.
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