Delhi Police: 15 अगस्त से पहले दिल्ली में जिंदा कारतूसों की बड़ी खेप के साथ 6 गिरफ्तार, पुलिस ने बताया क्या थे इरादे?
Delhi Police: स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली पुलिस ने 2000 से ज्यादा ज़िंदा कारतूस बरामद किए हैं. पुलिस ने इस पूरे मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.
Delhi Police: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) से ठीक पहले दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. ईस्ट दिल्ली पुलिस (East Delhi Police) की टीम ने 2000 से ज्यादा ज़िंदा कारतूस बरामद किए हैं. इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में एक गन हाउस का मालिक भी शामिल है. 15 अगस्त से ठीक पहले इतनी बड़ी संख्या में कारतूसों की बरामदगी करके पुलिस ने एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है.
स्वतंत्रता दिवस के चलते दिल्ली में हाई अलर्ट (High Alert) है. इस हाई अलर्ट में पुलिस तो सतर्क है ही साथ ही साथ ही दिल्ली के नागरिक भी सतर्क हैं. इसी सतर्कता के चलते दिल्ली पुलिस ने एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ कर 2251 ज़िंदा कारतूस बरामद किए हैं. दरअसल 6 तारीख को एक ऑटो रिक्शा वाले ने दिल्ली पुलिस को दो संदिग्धों के बारे में सूचना दी. इस सूचना के आधार पर पुलिस एक टीम पहुंची और दोनों को हिरासत में लेकर उनके बैग की जब तलाशी ली है तो उनके बैग से भारी मात्रा में जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं.
जिंदा कारतूस का कंसाइनमेंट पकड़ा गया- एडिशनल कमिश्नर
एडिशनल कमिश्नर विक्रमजीत सिंह ने बताया कि, 15 अगस्त के चलते दिल्ली पुलिस की चेकिंग के दौरान एक जिंदा कारतूस का कंसाइनमेंट पकड़ा गया है. उन्होंने बताया कि, 6 तारीख को आइज एंड इयर्स स्कीम के तहत हमें एक ऑटो ड्राइवर से इनपुट मिला था. उसने बताया कि 2 लड़कों को उसने सपोर्ट किया है और आनंद विहार बस अड्डे के पास उनके पर दो बैग हैं जिसमें काफी सामान है. हमारे स्टाफ ने हेड कांस्टेबल विक्रांत और कॉन्स्टेबल रोहित ने वहां पर पहुंचकर दोनों को पकड़ा और जब चेकिंग की तो पता चला कि दोनों बैग में बहुत भारी मात्रा में जिंदा कारतूस थे. जब उसको वेरीफाई किया तो यह सब हाई कैलीबर कारतूस हैं जो राइफल के अंदर इस्तेमाल हो सकते हैं और पिस्तौल और देसी कट्टों में भी यूज होते हैं.
पुलिस ने एक्शन लेते हुए मामला दर्ज कर जांच शुरू की जिसके बाद पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि कारतूसों की ये खेप वो देहरादून से लेकर आए थे. इतना ही नहीं पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ कि देहरादून के एक रॉयल गन हाउस का मालिक ये कारतूस मुहैया करवा रहा था. पुलिस की टीम ने देहरादून में छापा मार कर परीक्षित नेगी नाम के उस गन हाउस मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया.
कारतूस जौनपुर के एक बड़े क्रिमिनल ने मंगाए गए थे
इसके बाद पुलिस की टीम ने गन हाउस के मालिक से पूछताछ शुरू की और उससे पूछताछ में जो खुलासा हुआ वो हैरान कर देने वाला था. उससे पुलिस को पता चला कि मेरठ जेल में बंद एक अनिल नाम के शातिर अपराधी इस नेटवर्क में शामिल है. उसी के कहने पर कारतूसों की ये खेप दिल्ली आई थी और इसके बाद इन करतूसों को लखनऊ में डिलीवरी करनी थी. एडिशनल कमिश्नर विक्रमजीत सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही थी वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे थे. पुलिस ने जौनपुर से सद्दाम नाम के एक और अपराधी को गिरफ्तार किया जिसने खुलासा किया कि ये कारतूस जौनपुर के एक बड़े क्रिमिनल ने मंगाए गए थे लेकिन इनका इस्तेमाल कहा होना था ये अभी साफ नहीं है.
पुलिस गंभीरता से कर रही मामले की जांच
दरअसल, पुलिस की माने तो इस गैंग का मेन मास्टरमाइंड जौनपुर का एक बड़ा क्रिमिनल है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में छापेमारी कर रही है. ये पहली बार नही है जब उस क्रिमिनल को कारतूसों की डिलीवरी दी गई हो. इससे पहले भी वह चार से पांच बार बड़ी संख्या में कारतूस ले चुका है आखिरकार इन करतूसों का इस्तेमाल कहां पर हो रहा है पुलिस जांच में जुटी है.
वहीं, 15 अगस्त से ठीक पहले इतनी बड़ी संख्या में कारतूसों की बरामदगी को पुलिस बड़ी गंभीरता से ले रही है. क्रिमिनल एंगल के साथ-साथ पुलिस ने इस नेटवर्क की जांच टेरर एंगल पर भी कर रही है लेकिन इस गैंग का मेन मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से बाहर है पुलिस का दावा है कि उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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