Delhi Child Trafficking: रोहिणी जिला पुलिस (Rohini Police) ने नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त के मामले में एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली के एक अस्पताल के मालिक के साथ 3 महिलाओं को गिरफ्तार किया है. ये गैंग जिन दंपत्ति का बच्चा नहीं होता था उन लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें लाखों रुपये में बच्चोंं को बेच रहा था.
पुलिस को इस गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी जिसके बाद सोमवार को पुलिस ने जाल बिछाकर छापेमारी करके गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया. हैरानी की बात ये है कि पकड़ी गई महिलाओं में से एक महिला खुद अपनी नवजात बच्ची को बेच रही थी. पुलिस की टीम ने फेक कस्टमर बनकर गैंग के मेंबर से संपर्क कर कहा कि उन्हें एक नवजात बच्ची चाहिए जिसके लिए डील 1 लाख 10 हजार में तय हुई. एडवांस के तौर पर 10 हजार दिए गए.
पुलिस ने क्या कहा?
रोहिणी जिले के डीसीपी प्रणव तायल (DCP) ने बताया कि जब उन्हें इस गैंग के बारे में जानकारी मिली तब एक टीम बनाई गई और एक फेक कस्टमर तैयार किया गया. उसे नवजात बच्चे का नकली खरीददार बनाकर आउटर रिंग रोड पर रिंग रोड मॉल के पास भेजा गया. फेक कस्टमर बनकर गैंग के सदस्यों से बच्ची की डील की और 10 हजार रुपये एडवांस भी दिए ताकि इन्हें शक ना हो. जैसे ही गिरोह के सभी सदस्य रिंग रोड मॉल के पास बच्ची को लेकर पहुंचे उन्हें पहले से ट्रेप लगाई हुई पुलिस की टीम ने धर दबोचा और एक महीने की नवजात बच्ची को भी सकुशल बरामद कर लिया.
हैरानी की बात है कि पकड़े गए आरोपियों में से एक युवती नवजात बच्ची की मां है. जोकि अविवाहित है. फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके आगे की जांच कर रही है. साथ ही पुलिस अब गिरोह के सरगना और अन्य दोनों महिलाओं से पूछताछ कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन लोगों ने अब तक कितने बच्चों को बेचा है.
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