दिल्ली पुलिस ने सेना के जवानों को मिलने वाली दवा बेचने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, 30 लाख की दवा के साथ 2 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. यहां एक दवा गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है. बता दें कि जिन दवा की कालाबजारी की जाती थी वह सेना के जवान और गरीब मरीजों के लिए सरकार द्वारा भेजा जाता था.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने दवाओं की कालाबजारी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. इस गैंग के सदस्य सेना के जवानों को मिलने वाली दवाओं की कालाबजारी करते थे. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार दोनों व्यक्ति भाई है और ये लक्ष्मी नगर के ऑफिस से धंधे को अंजाम दे रहा था. पुलिस ने दोनों के पास से 30 लाख रुपए की दवा और दवा के रैपर पर लगी मोहर को मिटाने वाले केमिकल को बरामद किया है. पुलिस पूछताछ में दोनों भाई ने बताया कि यह गिरोह काफी बड़ा है और इसका काम पूरे देश में फैला हुआ है.
ऐसे किया गया गिरफ्तार
घटना के बारे में बताते हुए पूर्वी दिल्ली के डीसीपी जसमीत सिंह का कहना है कि एटीएस को दवाओं की कालाबजारी के बारे में सूचना मिली थी. डीसीपी ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति दवाओं के साथ विकास मार्ग पर आने वाला है. इसके बाद हमने तैयारी की और ध्रुवनाथ झा नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि यह दवा भारतीय सेना के जवानों और ईएसआई अस्पताल में उपचार कराने वाले रोगियों के लिए होती हैं.
ध्रुवनाथ झा से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके सगे भाई ओमनाथ झा को लक्ष्मी नगर स्थित उसके ऑफिस से गिरफ्तार किया. यहां ऑफिस में छापेमारी के बाद और भी दवाएं बरामद की गईं. पूछताछ में दोनों भाई ने बताया कि वे लोग इस गिरोह के छोटे सदस्य हैं. यह गिरोह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सक्रिय है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही देश स्तर पर फैले इस गैंग का भंडाफोड़ किया जाएगा और करोड़ों रुपए की हेराफेरी का पर्दाफाश हो सकेगा.
पेशे से फार्मेसिस्ट है आरोपी ओमनाथ झा
पुलिस के मुताबिक आरोपी ओमनाथ झा पेशे से फार्मासिस्ट है. पुलिस को उसने बताया कि वह इस धंधे में पिछले लगभग ढाई साल से है. उसने बताया कि जो दवा बाजार में दो-ढाई लाख रुपए में बिकती है वह उस दवा को बाजार में 40-50 हज़ार रुपये की कीमत पर बेचता था. आरोपी ने ऑनलाइन दवा बेचने वाली कंपनी पर खुद को रजिस्टर कराया हुआ था.
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