नई दिल्लीः टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि को अदालत ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. वैसे पुलिस ने तो पांच दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी लेकिन दिशा के वकील ने इसका विरोध किया. अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस का कहना था कि मामले में सह आरोपी निकिता और शांतनु आज ही पुलिस के सामने पेश हुए हैं और पुलिस हिरासत के दौरान दिशा, निकिता और शांतनु को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी. जिससे कि देश को बदनाम करने की जो अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई थी उसी कड़ियों को खोला जा सके.


पुलिस ने कहा दिशा रवि की गिरफ्तारी का आज आठवां दिन है और कानून के हिसाब से अभी दिल्ली पुलिस 7 दिन तक की पुलिस हिरासत और मांग सकती है. अब इस मामले में दिशा के दो और सहयोगी निकिता और शांतनु पुलिस के सामने हाजिर हो गए हैं. हालांकि दोनों को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है लेकिन जांच को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि इन तीनों ही आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाए.


पुलिस के वकील की दलीलें


निकिता ने 12 फरवरी को बुलाया था पर वो जांच में शामिल होने नहीं आयी पर इस बीच हाइकोर्ट से जाकर राहत ले ली. 6 पन्नों की टूल किट है इसमें हायपरलिंक हैं वो जिस पेज पर ले जाते हैं वो संवेदनशील हैं. साथ ही जांच के दौरान जो ई मेल सामने आई है वो एक आरोपी ने बनाई है.


11 जनवरी को zoom मीटिंग हुई. जिसमें 4 लोग निकिता, शांतनु, मो धालीवाल और अनिता शामिल हुए. इसके अलावा इस मीटिंग में 60-70 लोग और थे जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. इसी तरह की एक मीटिंग 17 जनवरी को भी हुई थी.


धालीवाल और अनिता 'Poetic Justice' के को-फाउंडर हैं


छह दिसंबर को फार्मर स्ट्राइक के नाम से ग्रुप बनाया गया निकिता, शांतनु और दिशा रवि जिसके सदस्य थे. 20 जनवरी को टूल किट तैयार हुई और उसको भी इन तीनों ने मिलकर तैयार किया था. 23 जनवरी को दिशा पोएटिक जस्टिस के साथ टूल किट शेयर करती है.


शांतनु 21 से 27 जनवरी पर टिकरी बॉर्डर पर मौजूद था. जब तक शांतनु को राहत मिली हुई है तब तक उसको गिरफ्तार नहीं कर रहे बाद में करेंगे. तीन फरवरी को जो टूल किट ग्रेटा ने पब्लिश की उसमे हाइपर लिंक था इसी वजह से उसको एडिट किया गया.


सारे आरोपियों के बीच लिंक है. अगर अभी हिरासत में नहीं लिया तो इन तीनों को आमने सामने बैठा कर पूछताछ करने का मौका निकल जायेगा. ये साइबर केस है. हमको एक्सपर्ट चाहिए होते हैं, इसी वजह से पूछताछ बहुत जरूरी है. मो धालीवाल भारत मे होता तो उसको भी अभी गिरफ्तार करते.


दिशा के वकील की दलीलें


दिशा को 13 फरवरी को गिरफ्तार किया गया, 14 को अदालत ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा लेकिन उन 5 दिनों के दौरान पुलिस ने क्या किया यह नहीं पता. जिन तथ्यों को पुलिस अब पता करने की बात कर रही है यह उस 5 दिन की हिरासत के दौरान क्यों नहीं पता किए गए!!


निकिता और शांतनु के सामने बैठाकर पूछताछ करने की बात कर रहे हैं. अगर बाहर होंगे तब भी तो ये पूछताछ हो सकती है तो आखिर पुलिस हिरासत की ज़रूरत क्यों? अगर उनसे पूछताछ करनी है तो दिशा को क्यों हिरासत में रखना. आमने सामने तो दिशा के बाहर आने के बाद भी बैठाया जा सकता है.


दिशा के वकील ने दलील दी कि पुलिस उन्हीं बातों को दोहरा रही है जो पहले भी अदालत के सामने कह चुकी है. रही बात ज़ूम कॉल की तो 11 और 17 जनवरी को जो ज़ूम कॉल हुई उनमें दिशा नहीं थी. साथ ही 26 जनवरी की जिस घटना का ज़िक्र कर रहे हैं उस दौरान दिशा दिल्ली में नहीं बल्कि बैंगलोर में थी.


अगर दिशा के ऊपर आरोप है कि उसने टूलकिट में बदलाव किया तो पुलिस ने पहले की 5 दिन की हिरास्त के दौरान क्या पता लगाया? पुलिस को पूछताछ करनी है तो करें पर उसके लिए दिशा को हिरासत में रखने की क्या ज़रूरत? वो तो बाहर आने के बाद भी पूछताछ हो सकती है.


जिसके बाद एक बार फिर पुलिस के वकील ने दलील देते हुए कहा कि पुलिस हिरासत में पूछताछ के लिए लेती है वो कोई सज़ा नहीं है. ये भी मुमकिन है कि इस दौरान ये साबित हो जाये कि जो दिशा ने कहा है वही सही है.


दिशा भले ही ज़ूम मीटिंग में नहीं थी पर निकिता और शांतनु थे और दिशा ने आरोप उन पर लगाए हैं.लिहाज़ा आमने सामने बैठा कर पूछताछ करना ज़रूरी है.


अदालत ने इन दलीलों के बाद दिशा को फिलहाल 1 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है निशा को मंगलवार को एक बार फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा वहीं मंगलवार को ही दिशा की जमानत याचिका पर भी अदालत का आदेश आना है.


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