नई दिल्ली: सरकार ने आज रहस्य समाप्त करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार वर्मा को सीबीआई का डायरेक्टर नियुक्त किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी. समिति में भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी हैं.
समझा जाता है कि खड़गे ने 16 जनवरी को हुई चयन समिति की बैठक में वर्मा के नाम पर इस आधार पर अपनी असहमति दर्ज कराई कि उन्होंने कभी सीबीआई में काम नहीं किया है. वर्मा के साथ सीबीआई प्रमुख की दौड़ में भारत तिब्बत सीमा पुलिस :आईटीबीपी: के महानिदेशक कृष्ण चौधरी और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक एस सी माथुर आदि के नाम भी चल रहे थे.
सीबीआई प्रमुख के रूप में वर्मा का दो साल का निश्चित कार्यकाल होगा. सीबीआई निदेशक के पद से दो दिसंबर को अनिल सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद एक महीने से अधिक वक्त से यह पद खाली था.
फिलहाल गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना देश की प्रमुख जांच एजेंसी के अंतरिम निदेशक हैं. अरणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेश :एजीएमयूटी: कैडर के 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा ने 29 फरवरी, 2016 को दिल्ली पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाली थी.
दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले 59 वर्षीय वर्मा दिल्ली पुलिस, अंडमान निकोबार, पुडुचेरी, मिजोरम और आईबी में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं. दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किये जाने से पहले वह यहां तिहाड़ जेल के महानिदेशक थे. वर्मा सीबीआई के 27वें निदेशक हैं जिनमें दो कार्यवाहक निदेशकों का कार्यकाल भी शामिल है.