नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शादियों में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो नाबालिग भी पकड़े गए हैं. दरअसल पिछले कई दिनों से क्राइम ब्रांच को शादियों में चोरी की शिकायतें मिल रही थीं. शिकायतों के आधार पर जब क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो मध्यप्रदेश का एक गैंग पुलिस के हाथ लगा.


चोरी कराने के लिए किराए पर लेते थे बच्चे


पुलिस के मुताबिक इस गैंग के लोग बच्चों को चोरी करने के लिए उनके माता पिता से एक साल के लिए किराए पर लेते थे. उसके बाद बच्चों को चोरी के गुर सिखाए जाते थे. शादियों में कैसे जाना है, कैसे कपड़े पहनने है और किस से कैसी बात करनी है, इन सब चीजों की ट्रेनिंग दी जाती थी. क्राइम ब्रांच की माने तो बच्चों के बदले माता पिता को 10 से 12 लाख रुपये दिए जाते थे.


अबतक की जांच में पुलिस ने कई मामले सुलझाने का दावा किया है. जिसमें लुधियाना, जीरकपुर और चंडीगढ़ की शादियों में हुई चोरी के मामले शामिल है. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से चोरी की रकम में से चार लाख रूपये भी बरामद किए हैं.


पुलिस ने सीसीटीवी और वीडियो फुटेज खंगाली


डीसीपी क्राइम ब्रांच भीष्म सिंह के मुताबिक, दिल्ली और एनसीआर में शादियों में चोरी के कई मामले सामने आ रहे थे. क्राइम ब्रांच उन्ही मामलों पर काम कर रही थी. जिन जिन शादियों में चोरी की वारदातें हुई थी, उन्ही शादियों की सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की गहनता से जांच की जा रही थी. फुटेज के आधार पर दो नाबालिग लड़को की पहचान की गई.


जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला कि ये नाबालिग लड़के बढ़िया कपड़े पहनकर शादियों में जाते हैं, वहां खाना खाते हैं और उस शख्स के आस पास घूमने लगते है, जिसके पास पैसों का बैग और ज्वैलरी होती है. मौका मिलते ही ये बच्चे बैग लेकर गायब हो जाते हैं. इनके बारे में जानकारी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने मध्यप्रदेश के राजगढ के तीन गांव गुलखेरी, सुलखेरी और कडिया में जाकर आरोपियों की पहचान की. पुलिस के मुताबिक ये गैंग मध्यप्रदेश के राजगढ़ से आपरेट होता है.


पूछताछ में आरोपियों ने किए चौंकाने वाले खुलासे


दो दिसम्बर को पुलिस ने इस गैंग के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया वो 9 से 15 साल के बच्चों को उनके परिवार से एक साल के लिए किराए पर लेते थे. इसे बदले उन्हें दस से बारह लाख रुपए दिए जाते थे. इन बच्चों को दिल्ली लाकर चोरी की वारदात करने से लेकर तमाम तरह की ट्रेनिंग दी जाती थी.


आरोपियों ने बताया कापसहेड़ा, मायापुरी, मोती नगर में तीन वारदात के अलावा पंजाब और चंडीगढ में चोरी की वारदातें कर चुके हैं. यहां दिल्ली में आकर वे किराए के मकान में रहते थे. आरोपियों में संदीप गैंग का सरगना है जो साल 2010 से अपराधिक गतिविधियों में लिप्त है. सभी आरोपी राजगढ़ मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं.


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