कई राज्यों के पुलिस को थी इस महाठग की तलाश, दिल्ली क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा | ऐसे देता था ठगी को अंजाम
Thug Arrested In Delhi: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के मुताबिक, ललित वर्मा ने साल 2008 में दिल्ली के आदर्श नगर इलाके में एक प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस खोला था.
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Thug Arrested In Delhi: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ठग को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, ललित वर्मा नाम के इस महाठग पर देश के अलग अलग राज्यों में ठगी के कई मामले दर्ज हैं. ललित वर्मा पर गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान में ठगी के मामले दर्ज हैं. क्राइम ब्रांच के मुताबिक, ये ठग अबतक सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है और अब तक करीब 3.50 करोड़ की ठगी को अंजाम दे चुका है.
क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि ललित वर्मा नाम का ये ठग दिल्ली के भलस्वा इलाके में है. इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और धोखाधड़ी के आरोपी ललित वर्मा को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब इस शातिर ठग ललित वर्मा से पूछताछ की तो उसने खुलासा किया कि उसने बिटकॉइन और नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर सैकड़ों लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, ललित वर्मा ने साल 2008 में राजधानी दिल्ली के आदर्श नगर इलाके में एक प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस खोला था. जहां पर उसकी मुलाकात एक मोहम्मद आसिफ नाम के शख्स से हुई. मोहम्मद आसिफ ने उसे नेटवर्क मार्केटिंग के बिजनेस के बारे में बताया. इसके बाद साल 2015 में ललित वर्मा ने हरियाणा के जींद के रहने वाले देवेंद्र गुलिया नाम के एक शख्स के साथ 'करेक्ट स्टेप्स मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड' नाम की एक फर्म हरियाणा के झज्जर में शुरू की.
वहां के लोगों को कहा कि वह इस कंपनी में पैसा लगाएं उनको ज्यादा ब्याज दिया जाएगा. जब ललित वर्मा के पास डेढ़ करोड़ रुपए इकट्ठे हो गए तब वह फार्म बंद करके फरार हो गया. इसके बाद हरियाणा के जींद में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.
ललित वर्मा इसके बाद भी नहीं रुका. साल 2017 में उसने गुजरात के लोगों को अपना निशाना बनाया. ललित वर्मा ने दिल्ली में मिर्जा अबरार बेग और उसके चचेरे भाई अक्कू अबरार से मुलाकात की. इन सब ने मिलकर दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 3 में एक और फर्म की शुरुआत की. जिसका नाम था 'एमएनई बिजनेस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड'. ललित वर्मा ने मिर्जा अबरार बेग और अक्कू अबरार को गुजरात के पालनपुर कंपनी का मार्किटिंग काम सौंपा.
इस गैंग के साथ पालनपुर का रहने वाला जितेंद्र पटेल भी काम करता था. गुजरात में इस गैंग ने लोगों को बिटकॉइन में निवेश करने के लिए कहा और करीब दो करोड़ रुपए इकट्ठे किए और फिर फरार हो गए. इसके बाद गुजरात के पालनपुर में भी मामला दर्ज किया गया.
साल 2017 में ही स्मार्ट ललित वर्मा ने मुंबई में लोगों के साथ क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 17 लाख रुपए की ठगी की. इसके बाद ललित वर्मा को साल 2018 में बलात्कार के मामले में दिल्ली की आदर्श नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया.
जब वह जेल से बाहर आया तब उसने मिर्जा अबरार बेग और अक्कू अबरार बेक से ठगी के पैसों में हिस्से की मांग की लेकिन दोनों ने उसे कुछ भी देने से इनकार कर दिया. शातिर ठग अपने ही साथियों से ठगा गया. ललित वर्मा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी के कई मामलों को सुलझाने का दावा किया है. अब पुलिस उसके साथियों की तलाश कर ही रही है. साथ ही साथ इस महाठग का पुराना अपराधिक इतिहास भी खंगाल रही है.
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