Delhi Crime: सावधान, देश में एक बार फिर से दस रुपये का नकली सिक्का धड़ल्ले से चलाया जा रहा है. इसलिए 10 का सिक्का हाथ में लेने से पहले उसे अच्छे से परख लें कि वह असली है या नकली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दस रुपये के नकली सिक्के बनाने वाली ऐसी ही एक फैक्ट्री को बेनकाब किया है. इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इनमें गैंग का सरगना भी शामिल है.
ये फैक्ट्री हरियाणा के जिला दादरी के गांव इमलोता में चल रही थी. पुलिस ने मुख्य आरोपी नरेश के पास से दस रुपये के 10,112 नकली सिक्के व फैक्ट्री से बीस पैकेट (प्रति पैकेट में चार हजार सिक्के), 11,500 खुले सिक्के, इन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाली प्रेशर मशीन व इलेक्ट्रिक मोटर, डाई व अन्य सामान बरामद किया है. इसके अलावा 212 किलो डिस्क या टिक्की, 70 किलो अधूरे बने सिक्के, पैकेजिंग मेटेरियल, पॉलीथीन बैग आदि सामान भारी मात्रा में बरामद किया गया है.
स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन के अनुसार, आरोपियों की पहचान बहादुरगढ़ हरियाणा निवासी 84 वर्षीय नरेश कुमार, मधुबनी बिहार निवासी 34 वर्षीय संतोष कुमार मंडल, फैक्ट्री में काम करने वाले तीन कर्मी धर्मेंद्र कुमार शर्मा (19 वर्ष), धर्मेंद्र महतो (34 वर्ष) व श्रवण कुमार शर्मा (30 वर्ष) के तौर पर हुई.
गोरखधंधे में नरेश कुमार लिप्त है
नरेश इस गैंग का सरगना है. तीनों कर्मी मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं. पुलिस को सूचना मिली थी कि दस रुपये के सिक्के अवैध तरीके से बनाए जा रहे हैं. इस गोरखधंधे में नरेश कुमार लिप्त है. 22 अप्रैल को टिकरी बार्डर से झडौदा कलां में रेड की गई, जहां से आरोपी को पकड़ा गया. नरेश के पास से दस रुपये के 10,112 नकली सिक्के मिले. उसके खिलाफ स्पेशल सेल थाने में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई.
निशानदेही पर फैक्ट्री में छापेमारी
आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन गहन पूछताछ में उसने इस धंधे में शामिल होने की बात स्वीकार ली. उसने खुलासा किया कि नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री गांव इमलोता, दादरी हरियाणा में है. इसकी निशानदेही पर फैक्ट्री में रेड की गई, जहां सिक्कों को बनाने के लिए चार यूनिट लगाई गई थीं. यहां से पुलिस ने भारी मात्रा में नकली सिक्के और सिक्कों को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला रॉ मेटेरियल बरामद किया. पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ कर ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वे इस गोरखधंधे में कितने समय से शामिल थे. अब तक कितने सिक्के बनाकर मार्केट में उतारे जा चुके हैं.
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