Reservation Row: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो को लेकर रविवार (28 अप्रैल) को एफआईआर दर्ज की गई है. इस वीडियो में बीजेपी नेता कथित तौर पर एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं. हालांकि, पीटीआई के फैक्ट चेक में ये वीडियो फेक साबित हुआ है.


इस एडिटेड वीडियो को फैलाने के मामले में गृह मंत्रालय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. सूत्रों के मुताबिक इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले लोगों के खिलाफ पूरे देशभर में कार्रवाई हो सकती है.


किनके खिलाफ हुई एफआईआर?


एफआईआर के मुताबिक अमित शाह के इस फेक वीडियो को फैलाने वाले सभी लोगों के खिलाफ केस किया गया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल साइबर विंग ने IPC की धारा 153/153A/465/469/171G और IT एक्ट की धारा 66C के तहत एफआईआर दर्ज की है.


अमित शाह ने आखिर कहा क्या था?


फेक वीडियो में बीजेपी नेता अमित शाह को कहते दिखाया गया है कि सरकार बनते ही एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म कर दिया जाएगा. वहीं, असल में केंद्रीय गृह मंत्री ने सरकार बनते ही मुस्लिम समुदाय को दिए जा रहे आरक्षण को हटाने की बात कही थी. गौरतलब है कि हाल ही में कर्नाटक सरकार ने मुस्लिमों को ओबीसी सूची में शामिल करने का फैसला लिया था.


फेक वीडियो पर क्या बोले अमित शाह?


केंद्रीय गृह मंत्री ने एएनआई से बातचीत में कहा, ''राहुल गांधी और कांग्रेस आरक्षण को लेकर देशवासियों को गुमराह कर रही है. कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अल्पसंख्यकों को आरक्षण देकर एवं जामिया और AMU जैसी संस्थाओं में SC-ST और OBC को वंचित रखकर आरक्षण खत्म करने का प्रयास किया है, लेकिन ये मोदी जी की गारंटी है कि जब तक बीजेपी है, कांग्रेस आरक्षण को हाथ तक नहीं लगा पाएगी.''


अमित मालवीय ने बताया था फेक वीडियो का सच!


बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने 27 अप्रैल को तेलंगाना कांग्रेस की ओर से शेयर किए गए इस फेक वीडियो को एक्स पर पोस्ट किया था. उन्होंने पोस्ट में लिखा था, ''तेलंगाना कांग्रेस एडिटेड वीडियो फैला रही है, जो पूरी तरह से फेक है और इससे बड़े पैमाने पर हिंसा होने की संभावना है. गृह मंत्री अमित शाह मे एससी/एसटी और ओबीसी की हिस्सेदारी कम करके असंवैधानिक तरीके से मुस्लिमों को दिए जाने वाले आरक्षण को हटाने की बात कही था. इस फर्जी वीडियो को कई कांग्रेस प्रवक्ताओं ने पोस्ट किया है. उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए.''


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