दिल्ली पुलिस ने हजरत निजामुद्दीन थाने में वकील महमूद प्राचा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर काउंटर इंटेलिजेंस, स्पेशल सेल की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसकी टीम 24 दिसंबर को निज़ामुद्दीन स्थित प्राचा के दफ्तर में रेड के लिए गयी थी. डीसीपी मनीषी चंद्रा का आरोप है कि प्राचा ने न तो सहयोग किया और न ही पुलिस टीम से अच्छा बर्ताव किया.
प्राचा और उनके जूनियर्स ने पुलिस के काम में बाधा डाली और दुर्व्यवहार किया. यह रेड स्पेशल कोर्ट की जानकारी में थी क्योंकि दिल्ली दंगो के मामलों में बनाए गए कुछ आरोपियों के वकील प्राचा है और ऐसे आरोपियों में से कुछ की बेल एप्लीकेशन में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था. स्पेशल सेल ने यह जानकारी स्पेशल कोर्ट के संज्ञान में डाली थी, जिसके बाद अदालत ने जांच के निर्देश दिए थे.
प्राचा का क्या है कहना
वहीं प्राचा ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि 'दिल्ली पुलिस को जब उनके ऑफिस के कंप्यूटर आदि की जांच में कुछ नहीं मिला तो पुलिस ने बाथरूम तक की जांच की. मेरे व मेरे जूनियर्स के साथ बदतमीजी की. अगर दिल्ली पुलिस ने वीडियो रिकॉर्डिंग को डिस्ट्रॉय नहीं किया तो सब सच सामने आ जाएगा.'
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोधियों और समर्थकों के बीच झड़पों के बाद उत्तरपूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को हिंसा भड़क उठी थी. कई दिनों तक चली हिंसा की घटना में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी. करीब 200 अन्य लोग घायल हुए थे.
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