Delhi Police Questioned Rahul Gandhi: दिल्ली पुलिस की एक टीम रविवार (19 मार्च) को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आवास पर पहुंची. पुलिस महिलाओं के यौन उत्पीड़न के संबंध में कांग्रेस नेता की ओर से भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर उनसे बात करने गई थी. इस मामले को लेकर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) भी आमने सामने आ गई. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. दिल्ली के स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि 30 जनवरी को श्रीनगर में राहुल गांधी ने जो बयान दिया था उसमें ये बात कही थी कि यात्रा के दौरान उन्हें बहुत सारी महिलाएं मिली थी जो रो रही थीं. उन्होंने बताया कि उनके साथ बलात्कार हुआ है. पुलिस ने 16 मार्च को कांग्रेस नेता को नोटिस जारी कर उन महिलाओं की जानकारी मांगी थी, जिन्होंने यौन उत्पीड़न के संबंध में उनसे संपर्क किया था.


2. पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये गंभीर मामला है, इस विषय में जानकारी जुटाने की पुलिस ने कोशिश की थी, लेकिन हमें सफलता नहीं मिली. आज तीसरी बार पुलिस उनके आवास पर गई थी, लेकिन आज भी कोई जानकारी नहीं मिली. हमने जो जानकारी उनसे मांगी है वे हमें साझा करेंगे. उन्हें एक नोटिस दिया गया है, नोटिस उनके कार्यालय की ओर से रिसिव किया गया है.


3. सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि श्रीनगर में दिए गए बयान में जो बातें हुई उसे लेकर हमने उनसे कहा गया है पूरी जानकारी बताएं. चुंकि उनकी यात्रा लंबी थी इस दौरान वे कई लोगों से मिले तो उन्हें कई जानकारियां एकत्र करने में समय लग सकता है, लेकिन उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द जानकारी देंगे. 




4. इससे पहले पुलिस टीम राहुल गांधी के 12, तुगलक लेन आवास के बाहर एक घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही, जिसके बाद कांग्रेस सांसद ने उनसे मुलाकात की. राहुल से मुलाकात के बाद पुलिस टीम चली गई और इसके तुरंत बाद राहुल गांधी भी अपनी कार को खुद चलाते हुए अपने घर से निकलते हुए देखे गए.


5. राहुल गांधी के घर पुलिस पहुंचने के बाद कांग्रेस भड़क गई. कांग्रेस ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और इसे राजनीतिक प्रतिशोध और उत्पीड़न का सबसे खराब उदाहरण करार दिया. कांग्रेस ने ये भी दावा किया कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस तरह के मामले दर्ज कर केंद्र गलत परंपरा कायम कर रहा है. कांग्रेस ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी ने महिलाओं को अपनी समस्याएं व दर्द साझा करने का एक सुरक्षित मंच दिया. दिल्ली पुलिस का यह शर्मनाक कदम साबित करता है कि अडानी मामले पर हमारे सवालों से पीएम मोदी घबराए हुए हैं. ऐसी हरकतों से हमारा हौसला और मजबूत हुआ है, हम जवाब लेकर रहेंगे. 


6. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मुद्दे को भटका कर अडानी को बचाने के लिए वे (बीजेपी) ये सब कर रहे हैं. वे कितनी भी कोशिश करें अडानी को बचाने की, पर हम सवाल पूछते रहेंगे. वे किसी ना किसी तरीके से राहुल गांधी को परेशान करना चाहते हैं. कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी डरने वाली नहीं हैं. 


7. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज का घटनाक्रम कल्पना के बाहर है, बगैर ऊपर के इशारे के दिल्ली पुलिस ऐसा साहस करे ऐसा संभव नहीं है. हिटलर भी बहुत लोकप्रिय हुआ था, बाद में ही जर्मनी का बुरा हाल हुआ था. आज जो ईडी, सीबीआई का तांडव मचा रखा है, न्यायतंत्र दबाव में है, तो क्या लोकतंत्र खतरे में नहीं है? बिना गृह मंत्रालय और बिना ऊपर के निर्देश के यह संभव नहीं कि यह (पुलिस) यहां तक पहुंचे. जब राहुल गांधी ने कह दिया कि उन्हें नोटिस मिला है वे उसका जवाब देंगे इसके बावजूद पुलिस यहां पहुंची है. 


8. गहलोत ने कहा कि इनकी हिम्मत कैसे हो गई कि यह यहां तक पहुंच गए. पूरा देश इनकी हरकतों को देख रहा है. देश इन्हें माफ नहीं करेगा. आज की हरकत बेहद गंभीर है. जांच करने से कोई इंकार नहीं कर रहा है. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि मोदी जी के "परम मित्र" को बचाने की कवायद में मोदी सरकार पूरी तरह बौखला गई है. 45 दिन बाद, भारत जोड़ो यात्रा के विषय में दिल्ली पुलिस को राहुल गांधी के घर पूछताछ के लिए भेजना तानाशाह सरकार का एक और कायरतापूर्ण कारनामा है. संसद चलाओ, जेपीसी बैठाओ, सच्चाई सामने लाओ. 


9. कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी की ओर से भी पलटवार किया गया. बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि एक महिला के साथ रेप हुआ है और अगर राहुल गांधी ने सांसद के तौर पर देश के सामने यह बात कही है तो पुलिस को यह जानकारी जानने का अधिकार है. आज पुलिस नोटिस देने उनके घर गई और उनसे उन महिलाओं के बारे में बताने को कहा. अब कांग्रेस कह रही है कि लोकतंत्र खतरे में है. कांग्रेस पार्टी के शहजादे कानून के ऊपर नहीं है. देश संविधान से चलता है. कांग्रेस में खलबली क्यों मची है.


10. बीजेपी नेता और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर राहुल गांधी पीड़ित महिलाओं (कथित यौन उत्पीड़न की) के नाम नहीं देंगे तो उन्हें न्याय कैसे मिलेगा? उन्होंने यह भी कहा था कि वह उग्रवादियों से मिले हैं, तो क्या उन्हें पुलिस को सूचित नहीं करना चाहिए. विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने के लिए उन्हें संसद में माफी मांगनी चाहिए.


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