एक्सप्लोरर

टूल किट मामले में पुलिस की जांच खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन पर आकर रुकी

जॉइंट कमिश्नर प्रेम नाथ ने बताया कि दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलुरू स्थित उसके घर से उसके माता-पिता के सामने गिरफ्तार किया गया था. बेंगलुरू पुलिस को भी सूचित किया गया था.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने टूल किट मामले पर आज खुलासा करते हुए यह बताया कि इस टूल किट को तैयार करवाने के पीछे खालिस्तान समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का हाथ है, जो इस टूल किट के माध्यम से न केवल भारत के अंदर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सौहार्द को खराब करना चाहता था, बल्कि विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास पर प्रदर्शन करवा कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को भी धूमिल करने की फिराक में था. दिल्ली पुलिस ने आज इस पूरे मामले में एक नए किरदार के नाम का भी खुलासा किया, जिसका नाम पीटर पैट्रिक है. टूलकिट नामक इस डॉक्यूमेंट का नाम ग्लोबल फार्मर्स स्ट्राइक और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी रखा गया था.

कौन है पीटर पैट्रिक दिल्ली पुलिस का दावा है कि वह साल 2006 से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है. इस टूल किट को तैयार करवाने का मास्टरमाइंड है. वह बताता था कि सोशल मीडिया पर किसे टैग करना है, क्या हैशटैग करना है और किस पोस्ट को ट्रेंड करवाना है. पीटर पैट्रिक खालिस्तानी आतंकी भजन सिंह भिंडर का साथी है. भजन सिंह आईएसआई के लिए भी काम कर चुका है.

11 जनवरी को ज़ूम ऐप पर की गई थी बैठक जॉइंट कमिश्नर पुलिस प्रेमनाथ ने बताया कि इस टूल किट को तैयार करवाने के लिए पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सह संस्थापक एमओ धालीवाल ने 11 जनवरी को ज़ूम ऐप के माध्यम से निकिता, दिशा रवि, शांतनु व कुछ अन्य लोगों के साथ एक मीटिंग की थी. इस मीटिंग में यह तय किया गया था कि 26 जनवरी से पहले डिजिटल स्ट्राइक करके किसान आंदोलन की आड़ में देश के अंदर स्थिरता का माहौल पैदा करना है. लोगों को बताना है कि वे या तो सोशल मीडिया के माध्यम से या फिर फिजिकल तौर पर 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली में भाग लें. इसी का नतीजा था कि 26 जनवरी को दिल्ली के अंदर रैली के दौरान हिंसा हुई.

इसलिए गिरफ्तार किया गया दिशा रवि को दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद से ही तमाम नेता व एक्टिविस्ट दिशा की गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं. इन सवालों पर दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि यह टूल किट एक प्रतिबंधित संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा तैयार करवाया गया है. यह संगठन खालिस्तानी समर्थक है. अभी तक कि जांच में यह सामने आया है कि इसे दो भाग में बांटा गया था. प्रायर एक्शन, जिसमें 26 जनवरी और उससे पहले हैशटैग की डिजिटल स्ट्राइक करनी है. 23 जनवरी से ट्वीट की बाढ़ लानी है. 26 जनवरी को फिजिकल एक्शन करना है. 26 को किसान रैली के लिए दिल्ली में दाखिल होना है और फिर बॉर्डर पर आना है.

दूसरे भाग में भारत की सांस्कृतिक धरोहर योग और चाय के विषय पर विघटन करना आदि शामिल था. जब टूल किट को एक्सेस किया गया तो यह देख कर हैरानी हुई कि जो कुछ होता आ रहा है, वह टूलकिट में जैसा बताया गया है, वैसे ही किया गया है. जिसके बाद 4 फरवरी को स्पेशल सेल ने आईपीसी की धारा 124ए, 153, 153ए और 120बी के तहत एफआईआर 41/21 दर्ज की और जांच साइबर सेल को सौंपी गई.

निकिता और शांतनु की तलाश में पुलिस टूल किट मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद अब दो और नामों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. ये नाम हैं निकिता जैकब और शांतनु. इन दोनों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गैर जमानती वारंट जारी करवा लिए हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि निकिता जैकब मुंबई की रहने वाली हैं और पेशे से वकील हैं. निकिता पर भी टूल किट में एडिट करने का आरोप है. इतना ही नहीं निकिता को भी टूल किट तैयार करने वालों में से एक बताया गया है, जिसका संपर्क खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से है. वहीं शांतनु महाराष्ट्र के बीड जिले का रहने वाला है. वह इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है. उसके ईमेल के आधार पर ही गूगल डॉक्युमनेट में टूल किट तैयार करवाई गई थी.

कौन है निकिता और अब तक पुलिस ने क्या क्या किया है? दिल्ली पुलिस साइबर सेल के जॉइंट सीपी प्रेमनाथ का कहना है कि निकिता का नाम उस समय सामने आया जब टूल किट मामले की जांच शुरू की गई और गूगल में अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से टूलकिट के संबंध में जानकारी मांगी गई. पुलिस को टूलकिट के कई स्क्रीनशॉट मिले थे. जिसमें निकिता जैकब का नाम सामने आया. पुलिस ने 9 फरवरी को निकिता जैकब के घर के सर्च वारंट जारी करवाए और मुंबई के लिए रवाना हो गयी. 11 फरवरी को पुलिस टीम ने निकिता जैकब से पूछताछ की और उसके 2 लैपटॉप और 1 मोबाइल फोन की भी जांच की गई. उससे लिखित में एक अंडरटेकिंग भी ली गई कि आगे जब भी जांच को लेकर पूछताछ की जरूरत होगी वह सहयोग करेगी. लेकिन उसके बाद निकिता ने पुलिस से कोई सहयोग नहीं किया और न ही वह पुलिस के सम्पर्क में आई. इस दौरन गूगल से भी कुछ जरूरी जवाब पुलिस को मिले और फिर 13 फरवरी को बेंगलुरू से दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया गया. वह निकिता और शांतनु के संपर्क में थी और इस टूलकिट की लेखक भी थी. पुलिस का कहना है कि निकिता पेशे से वकील है.

खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सह संस्थापक एमओ धालीवाल के साथ की थी ज़ूम मीटिंग साइबर सेल के डीसीपी अनेश रॉय का कहना है कि अब तक की जांच में यह खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सह संस्थापक एमओ धालीवाल ने अपनी परिचित पुनीत के माध्यम से निकिता जैकब से संपर्क किया था. पुनीत कनाडा की रहने वाली है. इनका मक़सद था 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर एक बड़ी मुहिम छेड़ना. रिपब्लिक डे से पहले इन सबकी ज़ूम ऐप पर मीटिंग भी हुई थी. इस मीटिंग में निकिता, धालीवाल के साथ दिशा, शान्तनु व कुछ अन्य लोग भी शामिल हुए थे. इनका मकसद किसानों के बीच अफवाहें फैलाना था.

अंतरराष्ट्रीय हस्तियों से भी किया गया था संपर्क दिल्ली पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में जो भी घटना हुई है उसके लिए माहौल खराब करने के लिए ट्विटर पर ट्वीट किए गए थे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय हस्तियों से संपर्क किया गया था. ग्रेटा भी उसी क्रम का हिस्सा है, जिसे दिशा जानती है. 26 जनवरी की घटना के बाद विशेष तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर से संपर्क किया गया था, जिससे कि देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल बनाया जाए. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि 26 जनवरी को जब किसान आंदोलन में शामिल एक युवक नवरीत की ट्रैक्टर हादसे में मौत हो गई थी, तो उसकी मौत को पुलिस की गोली लगने से मौत बताया गया था. इस फेक न्यूज़ के प्रचार प्रसार के पीछे भी इनका हाथ है या नहीं?

दिशा रवि 5 दिन की पुलिस हिरासत में जॉइंट कमिश्नर प्रेम नाथ ने बताया कि दिशा को 13 फरवरी को बेंगलुरू स्थित उसके घर से उसके माता-पिता के सामने गिरफ्तार किया गया था. बेंगलुरू पुलिस को भी सूचित किया गया था. ज्ञात रहे कि टूलकिट मामले में दिशा की गिरफ्तारी पहली है. रविवार को दिशा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था. पुलिस ने अदालत से दिशा की 7 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी, हालांकि अदालत ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में सौंपा था. दिल्ली पुलिस ने अदालत में यह दलील दी थी कि इस साजिश में कई लोग शामिल हैं. इसलिए दिशा को रिमांड में लेकर पूछताछ करनी जरूरी है. पुलिस ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा था कि दिशा ने टूल किट तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी. उसके कहने पर ही ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर एकाउंट से टूल किट हटाई थी. दिशा ने कई बार टूल किट को एडिट किया था. वह खालिस्तानी समर्थित संगठनों के संपर्क में थी. इस साजिश में बहुत बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं, जो दोबारा से खालिस्तानी संगठनों को खड़ा करना चाहते हैं. हालांकि कोर्ट में पेशी के दौरान दिशा रो पड़ी थी और दावा किया था कि उसने सिर्फ दो लाइन एडिट की थी क्योंकि वह किसानों के समर्थन में है क्योंकि किसान अन्न दाता हैं. पुलिस ने इस मामले में रविवार को अदालत के समक्ष निकिता जैकब और शांतनु के नाम का खुलासा किया था.

4 फरवरी को दर्ज की गई थी एफआईआर दिल्ली पुलिस स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने 4 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि किसानों का प्रोटेस्ट दिल्ली में पिछले कई दिनों से चल रहा है. दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की क्लोज मॉनिटरिंग कर रही है. मॉनिटरिंग के दौरान हम लोगों ने सोशल मीडिया के कुछ 300 से ज्यादा ऐसे अकाउंट आईडेंटिफाई किए, जिनका दुरुपयोग किया जा रहा था. भारत सरकार के खिलाफ सेंटीमेंट एक्सप्रेस करने के लिए किसान आंदोलन के नाम पर कम्युनिटीज के बीच में सौहार्द बिगाड़ने के लिए. इसके बाबत हम लोगों ने किसान नेता, जो आंदोलन कर रहे हैं, को सूचित किया था कि कुछ लोग इस आंदोलन की आड़ में देश का माहौल खराब करने का षड्यंत्र रच रहे हैं.

शांतनु की तलाश में बीड में छापेमारी की दिल्ली पुलिस ने जॉइंट सीपी प्रेमनाथ का कहना है कि निकिता से हुई पूछताछ में जब शांतनु और दिशा का नाम सामने आया तो उनकी तलाश करनी बनती थी.शांतनु की इसलिए क्योंकि टूलकिट एक गूगल डॉक्यूमेंट है, जो शांतनु के ईमेल एकाउंट के माध्यम से तैयार किया गया.इस गूगल डॉक्यूमेंट का ओनर शांतनु ही है और बाकी सब उसके एडिटर हैं.शांतनु महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला है, उनकी तलाश में बीड में छापेमारी भी की गई लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया.दिल्ली पुलिस का कहना है कि निकिता भी फरार हो गयी है.जबकि उसने 11 फरवरी को लिखित में अंडरटेकिंग दी थी कि वह जांच में पुलिस का सहयोग करेगी.

ग्रेटा को टेलीग्राम ऐप पर भेजी थी टूलकिट जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने यह भी दावा किया है कि दिशा फ्रीडयस फ़ॉर फ्यूचर नामक एक पर्यावरण मूवमेंट से जुड़ी है और वह ग्रेटा को जानती है.उसने टेलीग्राम ऐप के माध्यम से ग्रेटा को टूलकिट भेजी थी और उसे इस टूलकिट पर काम (ट्वीटर पर ट्वीट) करने के लिए कहा था.ताकि उसके फॉलोवर्स तक भी ट्वीट पहुंच सके.ग्रेटा का फॉलोवर्स बड़ी संख्या में हैं.

गलती से सार्वजनिक हो गयी थी टूलकिट पुलिस ने यह भी दावा किया है कि ग्रेटा से टूलकिट गलती से पब्लिक प्लेटफॉर्म पर पोस्ट हो गयी थी, यही वजह है कि दिशा ने ग्रेटा को उसे रिमूव करने के लिए कहा था.टूलकिट एक प्राइवेट डॉक्यूमेंट था, जिसकी एक्सेस कुछ चुनिनन्दा लोगों के पास ही थी.पुलिस ने यह भी दावा किया है कि इस टूलकिट का मकसद भारत सरकार के खिलाफ गलत जानकारी और असंतोष पैदा करना था.फेक न्यूज़ को बढ़ावा देना था.

मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत की बहन को राहत नहीं, रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर दर्ज FIR रद्द करने से HC का इनकार 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Parliament Session 2024: '73 बार पीएम मोदी तो 6 बार दिखाए गए राहुल गांधी', राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण का जिक्र कर सरकार पर भड़की कांग्रेस
'73 बार पीएम मोदी तो 6 बार दिखाए गए राहुल गांधी', राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण का जिक्र कर सरकार पर भड़की कांग्रेस
देश को जल्द मिल सकती है पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन....दिल्ली को मुंबई से जोड़ने का करेगी काम
देश को जल्द मिल सकती है पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन....दिल्ली को मुंबई से जोड़ने का करेगी काम 
Fashion Tips: दीपिका के प्रेग्नेंसी लुक कर देंगे आपको हैरान, आप भी ट्राई कर सकती हैं ये आउटफिट
दीपिका के प्रेग्नेंसी लुक कर देंगे आपको हैरान, आप भी ट्राई कर सकती हैं ये आउटफिट
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम  वोटों को अपनी ओर
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम वोटों को अपनी ओर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

क्या होता है EPFO में Scheme Certificate? क्यों है ये Job बदलने में जरूरी? | Paisa LiveKal Ka Rashifal 28 June 2024 : इन राशिवालों के घर में मां लक्ष्मी लगा देंगी पैसों का अंबारAnupamaa: NEW ROMANTIC PROMO! बारिश में अनुज-अनु का रोमांस! देखिएArvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सुनीता केजरीवाल का बड़ा बयान | Breaking News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Parliament Session 2024: '73 बार पीएम मोदी तो 6 बार दिखाए गए राहुल गांधी', राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण का जिक्र कर सरकार पर भड़की कांग्रेस
'73 बार पीएम मोदी तो 6 बार दिखाए गए राहुल गांधी', राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण का जिक्र कर सरकार पर भड़की कांग्रेस
देश को जल्द मिल सकती है पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन....दिल्ली को मुंबई से जोड़ने का करेगी काम
देश को जल्द मिल सकती है पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन....दिल्ली को मुंबई से जोड़ने का करेगी काम 
Fashion Tips: दीपिका के प्रेग्नेंसी लुक कर देंगे आपको हैरान, आप भी ट्राई कर सकती हैं ये आउटफिट
दीपिका के प्रेग्नेंसी लुक कर देंगे आपको हैरान, आप भी ट्राई कर सकती हैं ये आउटफिट
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम  वोटों को अपनी ओर
जय फिलिस्तीन के जरिये ओवैसी चाहते हैं खींचना मुस्लिम वोटों को अपनी ओर
‘मेरे साथ तो कदम-कदम पर चीटिंग हुई…’, रिलेशनशिप और शादी पर क्या-क्या बोले नवाजुद्दीन सिद्दीकी
रिलेशनशिप और शादी पर बोले नवाजुद्दीन सिद्दीकी, कहा- ‘मेरे साथ तो कदम-कदम पर चीटिंग हुई'
IND vs ENG: क्या है 250 मिनट रूल? भारत-इंग्लैंड सेमीफाइनल मैच पर इसका क्या पड़ेगा असर; डिटेल में समझिए
क्या है 250 मिनट रूल? भारत-इंग्लैंड सेमीफाइनल मैच पर इसका क्या पड़ेगा असर; डिटेल में समझिए
July Ekadashi 2024: जुलाई में 3 एकादशी का दुर्लभ संयोग, जानें इस माह में कब-कब है एकादशी
जुलाई में 3 एकादशी का दुर्लभ संयोग, जानें इस माह में कब-कब है एकादशी
अगर बारिश की वजह से रद्द हुआ भारत-इंग्लैंड के बीच सेमीफाइनल तो... जानें फिर किसे मिलेगा फाइनल का टिकट
अगर बारिश की वजह से रद्द हुआ भारत-इंग्लैंड के बीच सेमीफाइनल तो... जानें फिर किसे मिलेगा फाइनल का टिकट
Embed widget