प्रवासी श्रमिकों को डीएम ऑफिस से रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दे रही है दिल्ली पुलिस
दिल्ली में उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर जानकारी के अभाव में हजारों श्रमिक भटकते हुए पहुंच रहे थे. अब दिल्ली पुलिस शेल्टर होम, कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर मजदूरों को डीएम ऑफिस जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कर रही है.
नई दिल्लीः प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति अपने चरम पर है. देश के अलग-अलग शहरों से प्रवासी मजदूरों की ऐसी तस्वीर सामने आ रही है जिन्हें जिसने भी देखा उसकी आंखों में आंसू आ गया. कोई भी उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है और अब जब हालात खराब हो चुके हैं तब दिल्ली पुलिस भी लकीर पीटती नजर आ रही है.
दिल्ली पुलिस सभी शेल्टर होम, कंस्ट्रक्शन साइट और वो जगह जहां पर मजदूर रुके हुए हैं या फंसे हुए हैं. वहां जाकर लगातार अनाउंसमेंट कर रही है की मजदूरों के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए ट्रेन चलाई जा रही है. जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है वह डीएम ऑफिस जाकर अपना नाम लिखवाए और जिनका रजिस्ट्रेशन हो गया है वह अपने मोबाइल पर मैसेज आने का इंतजार करें .
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस तरीके से प्रवासी श्रमिकों में एक डर और मिस कॉर्डिनेशन बना हुआ है उसी को दूर करने की यह कोशिश की जा रही है. जिससे श्रमिक जहां है वहीं रुका रहे और हालात खराब न हो. पुलिस का कहना है कि वक़्त रहते जानकारी दी गई होती तो दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर श्रमिकों की भीड़ इकट्ठा नहीं होती.
बता दें कि से दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर जानकारी के अभाव में हजारों श्रमिक भटकते हुए पहुंच रहे थे. हजारों की संख्या में श्रमिकों का परिवार सड़कों पर दिन और रात काटने को मजबूर हो गये थे. ऐसे में सवाल यहीं उठता है कि अगर पुलिस प्रशासन ने समय रहते इन लोगों को जानकारी दी होती तो शायद हालात इतने खराब न होते.
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