पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लेकर दिल्ली पुलिस ने जारी किया स्पष्टीकरण! जानें क्यों हुआ थाने में टकराव
Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरके पुरम के एमसीडी पार्क में एक बैठक होनी थी और सत्यपाल मलिक को इसमें हिस्सा लेना था.
Former Governor Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जब से पुलवामा हमले और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बयान दिया है तब से वो सुर्खियों में हैं. मलिक की शनिवार (22 अप्रैल) को दिल्ली पुलिस से बहस हो गई, जिसके बाद वो एक थाने में ही धरने पर बैठ गए.
हालांकि, पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आर के पुरम इलाके से हिरासत में नहीं लिया है. डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी ने कहा, "हमने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को हिरासत में नहीं लिया है. वह अपने समर्थकों के साथ आरके पुरम थाने में अपनी इच्छा से आए थे और हमने उन्हें सूचित किया कि वह अपनी इच्छा से जा सकते हैं."
'यह बैठक करने की जगह नहीं है'
एक अन्य अधिकारी ने कहा, "आर के पुरम के एमसीडी पार्क में एक बैठक होनी थी और मलिक को इसमें हिस्सा लेना था. उन्हें बताया गया कि यह बैठक करने की जगह नहीं है और न ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कोई अनुमति ली थी, जिसके बाद मलिक और उनके समर्थक वहां से चले गए और बाद में पूर्व राज्यपाल खुद थाने आए."
झूठी खबर फैलाई जा रही है- पुलिस
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके कहा कि मलिक की हिरासत के बारे में झूठी खबर फैलाई जा रही है. एक ट्वीट में कहा गया, "सत्यपाल मलिक को हिरासत में लेने के संबंध में कई सोशल मीडिया हैंडल पर गलत सूचना फैलाई जा रही है. वह खुद आर के पुरम थाना अपने समर्थकों के साथ पहुंचे. उन्हें सूचित किया गया कि वह अपनी मर्जी से जाने के लिए स्वतंत्र है."
सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से जवाब मांगे
बता दें कि सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से जम्मू-कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं. सात महीने में यह दूसरी बार है जब विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रह चुके मलिक से संघीय एजेंसी पूछताछ करेगी. बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और अंत में मेघालय में राज्यपाल की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद पिछले साल अक्टूबर में मलिक से सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की थी.
पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने 'द वायर' को दिए एक इंटरव्यू में कुछ दावे किए थे, जिसके बमुश्किल से एक हफ्ते बाद सीबीआई ने उन्हें समन भेजा है. इंटरव्यू में मलिक ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से निपटने के संबंध में, जहां उन्होंने तत्कालीन राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन से पहले अंतिम राज्यपाल के रूप में काम किया था.
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