दिल्ली दंगा: बीजेपी नेता कपिल मिश्रा से पुलिस ने पूछे ये 13 सवाल, पढ़ें उनका जवाब
दिल्ली में फरवरी महीने मेंं भड़के सांप्रदायिक दंगों के मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा से पूछताछ की है. एबीपी न्यूज़ के पास उन 13 सवालों की लिस्ट है. साथ ही पढ़िए इन सवालों पर क्या जवाब दिया कपिल मिश्रा ने.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच के घेरे में आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आए नेता कपिल मिश्रा भी आ गए हैं. दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा से 28 जुलाई को पूछताछ की थी. लगातार सवाल खड़े हो रहे थे कि जब कपिल मिश्रा मौजपुर चौक पहुंचे तब भीड़ भड़क गई थी. चार्जशीट के मुताबिक पूछताछ के दौरान कपिल मिश्रा ने भाषण देने की बात से इनकार किया. दिल्ली पुलिस ने कपिल मिश्रा से 13 सवाल पूछे थे. एबीपी न्यूज़ के पास कपिल मिश्रा से पूछे गए सभी सवाल और जवाबों की कॉपी मौजूद है. हम आपको पढ़वाते हैं कि दिल्ली पुलिस ने कपिल मिश्रा से क्या सवाल किए और बीजेपी नेता ने जवाब क्या दिया.
1. सवाल: क्या आप पहले भी कभी नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट आए हैं?
जवाब: यमुना विहार में मेरा घर है जिसका पता भी दो बटे 217 यमुना विहार है. मेरा घर नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में ही आता था. दंगाइयों ने दंगों के दौरान जो पेट्रोल पंप नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में जलाया था वह मेरे घर के पास है.
2. सवाल: दिल्ली दंगो के दौरान कब और कितने बजे आप नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट पहुचे थे?
जवाब: क्योंकि मेरा घर उसी इलाके में इसलिए आने जाने का कोई निश्चित समय नहीं
3. सवाल: क्या आप वहां पर्सनल कैपेसिटी से पहुचे थे?
जवाब: जी हां मैं अपनी पर्सनल कैपेसिटी में 3:00 से 3:30 बजे मौजपुर पहुंचा था.
4. सवाल: आपका वहा जाने का मकसद क्या था? जवाब: क्योंकि कुछ लोग फेसबुक पर दो-तीन दिन से कैंपेन चला रहे थे कि रोड ब्लॉक होने की वजह से उन्हें बहुत ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोग ऑफिस नहीं जा पा रहे हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. जरूरी सुविधाएं लोगों तक नहीं पहुंच रही हैं. इसलिए मैं उन लोगों की समस्याओं को पुलिस तक पहुंचाने और पुलिस की मदद से ब्लॉक रोड को खुलवाने की पेशकश करने वहां गया था. वहां जाने से पहले मैंने डीसीपी सूरज साहब से फोन पर बात की थी.
5. सवाल: क्या आपने वहां भाषण दिया था? अगर हां तो क्या बोला था? जवाब: नहीं मैंने कोई स्पीच नहीं दिया. मैंने केवल पुलिस को 3 दिन में रोड खुलवाने के लिए कहा था और यह भी कहा था कि अगर 3 दिन में रोड नहीं खुले तो हम भी रोड खुलवाने के लिए धरने पर बैठेंगे.
6. सवाल: भाषण का क्या मकसद था? जवाब: मैंने पहले ही कह दिया मैंने कोई स्पीच नहीं दी. मेरा मकसद केवल रोड खुलवाने का था ताकि उस इलाके के लोगों की समस्याओं का निपटारा हो सके.
7. सवाल: आपके पास स्पीच की कॉपी है? जवाब: मैंने पहले ही कह दिया मैंने कोई स्पीच नहीं दी
8. सवाल : क्या आपने दिल्ली की किसी और प्रोटेस्ट कि जगह गए थे? जवाब: नहीं मैं किसी भी धरना स्थल पर नहीं गया.
9. सवाल: क्या आप अकेले पहुचे थे? जवाब: हां मैं अकेले ही मौजपुर चौक गया था. वहां पर मेरे पहुंचने से पहले ही काफी लोगों की भीड़ जमा थी. लोकल होने के नाते मैं वहां के कई दुकानदारों व लोगों को जानता था.
10. सवाल: आपका उस इलाके को लेकर क्या ऑब्जरवेशन है?
जवाब: मैंने वहां जाने से पहले डीसीपी सूरज साहब से बात की थी. जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे लोगों ने बताया कि वहां पर करीब 2:45 के आसपास पथराव शुरु हो चुका था. मेरे सामने से लोग दौड़ दौड़ कर आ रहे थे और कह रहे थे कि भीड़ पथराव कर रही है.जाफराबाद की तरफ बैरिकेड के पास काफी भीड़ थी. जिनको पुलिस बड़ी मुश्किल से रोक पा रही थी. अगर पुलिस ना होती तो यह लोग आगे आ जाते. मैं वहां पर करीब 4:30 बजे तक रहा. मैंने पुलिस से कहा था कि हम आ रहे हैं आप सड़के खुलवा दें . उससे पहले कबीर नगर और जाफराबाद से मुस्लिम भीड़ पथराव कर रही थी और भीड़ को पुलिस ने हम से करीब 300 मीटर दूर रोका हुआ था. मुझे लोगों ने बताया कि वे लोग रोड खुलवाने के लिए करीब 2:00 बजे से इकठा होना शुरू हो गए थे. मेरे सामने उस समय करीब पचास साठ लोग थे. दूसरी तरफ मुस्लिमों की करीब 500 -700 लोगों की भीड़ थी.
मैंने 3:30 से 4:30 बजे तक स्थानीय लोगों से बात की और पुलिस से भी बार-बार रोड खुलवाने के लिए आग्रह किया था. पुलिस को रोड जाम होने की वजह से लोगों को होने वाली परेशानी से अवगत कराया. यह रोड करीब पिछले दो-तीन महीने से मुस्लिम लोगों द्वारा ब्लॉक किया हुआ था.वे लोग कभी मेन रोड तो कभी सर्विस रोड बंद कर देते थे. जिस वजह से लोगों को अपने काम धंधे में जाने में बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी हो रही थी. लोगों का जीना दूभर हो गया था. मुस्लिम लोगों ने वहां डर व आतंक का माहौल बना रखा था. मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने व एंबुलेंस के पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इसी वजह से स्थानीय लोगों की फोन कॉल्स आने व लोगों की फेसबुक पोस्ट पढ़कर मैं पुलिस से रोड खुलवाने का आग्रह करने वहां पर गया था. बातचीत में मैंने डीसीपी साहब से कहा था हम अब आ रहे हैं. आप रोड खुलवा दें नहीं तो हम भी रोड खुलवाने के लिए धरने पर बैठ जाएंगे. उसके बाद करीब 4:35 पर मैं वहां से निकल गया था.
11. सवाल: आप वहां कितनी देर रुके थे? जवाब: मैं करीब 1 घंटा 3:30 से 4:30 वहां रुका था
12. सवाल: क्या किसी ने वहां पहुचने के लिए कहा था? जवाब: स्थानीय लोगों की फोन कॉल्स वह फेसबुक पोस्ट पर पढ़कर मैं पुलिस से बातचीत करने में समस्या का हल निकालने के लिए गया था
13. सवाल: आपकी यु ट्यूब पर एक वीडियो वायरल है जिसमे आप कह रहे है कि हम ट्रम्प विजिट तक के लिए जा रहे हैं. लेकिन उसके बाद हम आपकी नही सुनेंगे। इसका मतलब क्या था?
जवाब: इसका अर्थ है कि मैंने डीसीपी साहब से जाफराबाद और चांद बाग के बंद रास्तों को खुलवाने के बारे में कहा था और रास्ते ना खुलने की सूरत में हम भी धरने पर बैठ जाएंगे इस चीज को मैंने वहां मौजूद डीसीपी साहब को कहा था और ट्रंप के जाने तक आप जाफराबाद और चांद बाग खाली करवा दीजिए ऐसा आपसे विनती कर रहे हैं। उसके बाद हमें रोड पर आना पड़ेगा.