नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आए कार्यकर्ता शरजील इमाम पर संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रविवार को मामला दर्ज किया. पुलिस के अनुसार, बिहार निवासी और जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील ने ''सीएए और एनआरसी के विरोध में काफी उकसाऊ और भड़काने वाले भाषण'' दिए.


इसके अलावा बिहार पुलिस ने शरजील इमाम के काको स्थित पैतृक आवास पर छापेमारी कर उसके चचेरे भाई समेत, तीन लोग को हिरासत में लिया है. केन्द्रीय एजेंसियों ने जहानाबाद पुलिस के साथ बीती देर रात काको स्थित घर पर छापेमारी की. छापेमारी में हालांकि शरजील तो नहीं मिला लेकिन पुलिस ने उसके दो रिश्तेदरों और एक कार चालक को हिरासत में लिया है. इस बाबत जहानाबाद एसपी मनीष ने पुलिस कारवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों ने सहयोग मांगा था और उसी कड़ी में जहानाबाद पुलिस ने सहयोग किया है. केंद्रीय एजेंसियां अपना काम कर रही हैं. एसपी मनीष विशेष जानकारी देने से बचते नजर आए.


शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद के जेडीयू नेता रहे स्वर्गीय अकबर इमाम का बेटा है और जहानाबाद के काको का रहने वाला है. हालांकि अभी इसका परिवार पटना रह रहा है. IIT मुंबई से कंप्यूटर साईंस में ग्रेजुएट है. फिलहाल JNU में सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडी में रिसर्च कर रहा है. इस बारे में शरजील के चाचा अरशद इमाम ने बताया कि आंदोलन करना संबैधानिक अधिकार है और शरजील शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट कर रहा था. अगर प्रोटेस्ट करना गुनाह है तो हम अपराधी हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस आई थी और उन्होंने पुलिस को शरजील के सरेंडर का भरोसा दिया है.


शरजील इमाम ने जामिया में भी उकसावे वाला भाषण दिया था- पुलिस


वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा, ''उसने पिछले साल 13 दिसंबर को भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी ऐसा ही भाषण दिया था और इसके बाद सरकार के खिलाफ उकसावे वाला एक और भाषण दिया जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चल रहा है.'' पुलिस ने बताया कि इन भाषणों से ''धार्मिक सौहार्द्रता और भारत की एकता और अखंडता के नुकसान पहुंचाने की संभावना'' है जिसके लिए उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.


इमाम को एक ऑडियो क्लिप में यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जा रहा है. ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें तो ''असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है...अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है.''


दिल्ली पुलिस ने बताया कि इमाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए, 153ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में 16 जनवरी को दिए भाषण के लिए इमाम के खिलाफ शनिवार को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया. असम पुलिस ने उसके भाषण को लेकर उसके खिलाफ उग्रवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत एक प्राथमिकी भी दर्ज की है.


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