दिल्ली सचिवालय के विजिलेंस दफ्तर में सीक्रेट फाइल से छेड़छाड़ के मामले में FIR, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उठाए सवाल
Delhi News: दिल्ली पुलिस ने सीएम आवास के रेनोवेशन और शराब घोटाले से जुड़ी फाइलें गायब होने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. इसे लेकर सतर्कता विभाग के सचिव राजशेखर ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाए थे.
Delhi Politics: सचिवालय स्थित विजिलेंस के स्पेशल सेक्रेटरी के दफ़्तर और रिकॉर्ड रूम में गोपनीय फाइलों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस ने विजिलेंस डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी राजशेखर की शिकायत पर IP स्टेट थाने में 1 जून को FIR दर्ज की है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा कि किसने फाइलों के साथ छेड़छाड़ की है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि मामले में IPC की धारा 380, 464, 465 और 120 बी के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल, विजिलेंस डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी राजशेखर ने दिल्ली पुलिस, चीफ सेक्रेटरी और गृह मंत्रालय को शिकायत देकर कहा था कि सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने झूठी शिकायत पर उन्हें काम से हटाया था.
राजशेखर ने शिकायत में क्या कहा था?
राजशेखर ने अपनी शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा था, "15 और 16 मई की रात में सचिवालय के कमरा नंबर 403 स्थित उनके दफ्तर और रिकॉर्ड रुम में रखी कई दस्तावेजों की फोटो कॉपी कराई गई. इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन पर खर्च जांच की फाइल, फीड बैक यूनिट, DIP, जल बोर्ड, टैक्स डिपार्टमेंट से सोने की चोरी, तिहाड़ जेल अधिकारी की सांठगांठ करने जैसे मामलों की फाइल थी."
राजशेखर ने अपनी शिकायत में दफ्तर के बाहर की CCTV फुटेज प्रिजर्व करने और संबंधित लोगों कर एफआईआर कर कार्रवाई की मांग की थी. इस जांच में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज भी जांच के घेरे में हैं. हालांकि, एफआईआर में उनका नाम शामिल नहीं है. केवल अज्ञात के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई है.
FIR पर क्या बोले सौरभ भारद्वाज?
दिल्ली के सर्विस मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि विजिलेंस डिपार्टमेंट के सचिव सुधीर कुमार की नियुक्ति एलजी ने की थी न कि हमने. उन्होंने 16 मई 2023 को मुख्य सचिव नरेश कुमार को स्पष्ट रूप से लिखा था कि उनके निर्देश पर शैडो फाइलें ( डुप्लीकेट कॉपी ) बनाई गई. विभाग के मंत्री से इसका कोई लेना-देना नहीं है तो फिर अज्ञात के खिलाफ झूठी एफआईआर क्यों?
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