दिल्ली पुलिस ने कहा- सरकारी अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराएं मौलाना साद और उसके सहयोगी
सवाल यह है कि आखिर मौलाना और उसके कुछ सहयोगी सरकारी अस्पताल में कोरोना की जांच क्यों नहीं कराना चाहते?
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद और उसके सहयोगियों को सरकारी अस्पताल में कोरोना का टेस्ट कराने को कहा है और सरकारी रिपोर्ट को क्राइम ब्रांच को दिखाने को कहा है. साथ ही दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद की वकीलों की इस दलील को मानने से इंकार कर दिया है कि मौलाना साद अपराध शाखा की जांच में शामिल हो गया है.
मौलाना साद के वकीलों ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से संपर्क किया था और उन्हें मौलाना साद का एक पत्र देने के बाद कहा, दिल्ली पुलिस यह नहीं कह सकती कि मौलाना साद क्राइम ब्रांच की जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने दो बार अपराध शाखा की पत्र का जवाब दिया है. इस पर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने साद के वकीलों से ऐतराज जताया और कहा कि साद अभी तक खुद चल कर अपराध शाखा के ऑफिस में नहीं आए हैं और ना ही किसी पुलिस अधिकारी के सामने पेश हुए हैं. ऐसे में वह कैसे कह सकते हैं कि उन्होंने दिल्ली पुलिस की जांच ज्वाइन कर ली है.
अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक मौलाना साद खुद चलकर अपराध शाखा के कार्यालय नहीं आते और सवालों के जवाब नहीं देते तब तक उन्हें जांच में शामिल नहीं माना जाएगा. अधिकारी ने मौलाना साद के वकीलों और उनके परिजनों से कहा कि मौलाना साद पहले किसी सरकारी अस्पताल में जाकर अपना कोरोना टेस्ट करवाएं, और अपनी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौपें.
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही सलाह साद के कुछ सहयोगियों को भी दी है. साथ ही दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा है कि अगर उन्हें कोई सरकारी अस्पताल नहीं मिल रहा है तो वह (दिल्ली पुलिस) ऐम्स में मौलाना साद का टेस्ट कराने की सुविधा करा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने जिन लोगों को यह सलाह दी थी कि कोरोना का टेस्ट करा लें, तब से उनमें से कुछ लोगों के मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपराध शाखा को पता चला था कि मौलाना साद इतने दिनों से जाकिर नगर के घर में quarantine हैं. लेकिन बावजूद उसके अब तक उन्होंने सरकारी अस्पताल में जाकर कोरोना टेस्ट नही करवाया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मौलाना और उसके कुछ सहयोगी सरकारी अस्पताल में कोरोना की जांच क्यों नहीं कराना चाहते. क्या यह जांच नहीं कराने के पीछे यह मंशा है कि जब तक जांच नहीं कराएंगे तब तक अपराध शाखा उन्हें आमने सामने पूछताछ के लिए बुलाने से परहेज करेगी. यानी कुल मिलाकर क्या जानबूझकर मौलाना साद क्राइम ब्रांच की जांच से बचना चाहता है. सवाल ये भी है कि क्या यह लोग जानबूझकर सरकारी अस्पतालों में टेस्ट नहीं करवाना चाहते.
यह भी पढ़ें-