नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 38 मामले दर्ज किए हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में निकाली गई ट्रैक्टर परेड में हिंसा की वजह से दिल्ली में 26 जनवरी के दिन अफरातफरी मच गई थी. अनेक प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए थे और वहां ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगा दिया था जहां प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं.


पुलिस ने शुक्रवार को नौ किसान नेताओं से जांच में शामिल होने को कहा था, लेकिन कोई भी पुलिस के पास नहीं पहुंचा. इस बीच दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के मंच के पास नोटिस चस्पा किए. तीन दिन में किसान नेताओं को पेश होने का नोटिस दिया है. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) बीके सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस को आम जनता से ट्रैक्टर परेड हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुई हैं.


इस बीच गाजीपुर बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर डटे किसानों की एकजुटता में किसी तरह की कमी के संकेत दिखाई नहीं दे रही है और उनके नेता नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लंबा खींचने की बात दोहरा रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से किसानों के दिल्ली-यूपी सीमा स्थलों पर उमड़ने के कुछ दिन बाद कई किसानों का कहना है कि 'यह लड़ाई हर हाल में जारी रहेगी.'


गौरतलब है कि 26 जनवरी को हुईं हिंसक झड़पों के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या कम होती दिखाई दे रही थी तब टिकैत ने शनिवार को विशाल समूह को संबोधित करते हुए भावुक अपील की. इस दौरान उनके आंसू छलक आए. उन्होंने एक बार फिर आंदोलनकारी किसानों का संकल्प दोहराते हुए कहा कि वे दो महीने से यह लड़ाई लड़ रहे हैं और 'वे न तो झुकेंगें और न ही पीछे हटेंगे.'


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