Delhi Police Action Against AIIMS Server Hack: राजधानी दिल्ली स्थित एम्स के सर्वर हैक मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कहा है कि हैकरों ने कोई फिरौती नहीं मांगी है. इससे पहले देश के सबसे बड़े अस्पताल के आधिकारिक सूत्रों से जानकारी मिली थी कि हैकरों ने क्रिप्टोकरेंसी के रूप में 200 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है.
एम्स का सर्वर हैक होने का मामला बुधवार (23 नवंबर) को सामने आया था. करीब हफ्तेभर से एम्स सर्वर कथित तौर पर रैंसमवेयर हमले से जूझ रहा है. इसे स्कैन करने और ठीक करने की कोशिश की जा रही है. अधिकारियों को चिंता इस बात की है कि सर्वर में करोड़ों मरीजों का डेटा मौजूद है और उसमें कई मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, न्यायाधीशों और नौकशाहों जैसा वीवीआई डेटा भी शामिल है.
ये टीमें कर रहीं रैंसमवेयर हमले की जांच
भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (CERT-In), गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की टीमें एम्स सर्वर पर हुए इस रैंसमवेयर हमले की जांच में जुटी हैं. एम्स सर्वर हैक मामले में दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) इकाई ने शुक्रवार (25 नवंबर) को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का केस दर्ज किया गया था. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर अस्पताल के कम्प्यूटरों पर इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई थीं.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था कि एम्स के अधिकारियों ने हैकरों की ओर से मांगी गई किसी फिरौती की बात से इनकार किया है.
कितना समय और लगेगा सर्वर को पूरी तरह ठीक होने में?
सोमवार (28 नवंबर) को एम्स के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई को जानकारी दी कि नेटवर्क को ठीक करने में अभी चार-पांच दिन और लग सकते हैं. उसने कहा था कि इसके बाद ई-अस्पताल संबंधी एम्स की ऑनलाइन सेवाएं चरणबद्ध तरीके शुरू हो सकती हैं. सूत्र ने समाचार एजेंसी को जानकारी दी थी कि अभी इमरजेंसी, ओपीडी, भर्ती रोगी, रोगियों की देखभाल और लैब जैसी सेवाओं का काम कागज के जरिये यानी हाथ से किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, एनआईसी ई-हॉस्पिटल डेटाबेस और ई-हॉस्पिटल के लिए एप्लिकेशन सर्वर बहाल किए जा चुके हैं. एम्स सूत्रों के मुताबिक पांच हजार कम्प्यूटरों में से करीब 1200 में एंटीवायरस इंस्टॉल किया गया है, वहीं, 50 में से 20 सर्वर स्कैन किए जा चुके हैं.