JNU विवाद: 3 साल बाद चार्जशीट दाखिल, कन्हैया कुमार ने भी लगाए थे देश विरोधी नारे- सूत्र
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कथित देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल किया. सूत्रों के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देशद्रोही नारे लगाए थे.
नई दिल्ली: जेएनयू में कथित देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब तीन साल बाद चार्जशीट दाखिल की. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर ट्रायल शुरू करने का अनुरोध किया. इसके अलावा 36 ऐसे लोगों के नाम चार्जशीट में डाले गए हैं जिनके खिलाफ ट्रायल चलाने लायक पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
Delhi Police statement on 2016 JNU sedition case: Charge sheet filed. Names of 10 persons have been sent to court, requesting to initiate a trial. Names of 36 persons have been put in the list of persons against whom sufficient evidence hasn't come on file so far to launch trial. pic.twitter.com/DM0z5RZXag
— ANI (@ANI) January 14, 2019
जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है उनमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अर्निबान भट्टाचार्य शामिल हैं. इसके अलावा सात कश्मीरी छात्रों के नाम भी चार्जशीट में शामिल है. इन कश्मीरी छात्रों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, राईए रसूल, बशीर भट और बशरत शामिल है. इन सब पर सेक्शन-124A,323,465,471,143,149,147,120B के तहत चार्जशीट दाखिल हुई है.
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कथित देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज करीब तीन साल बाद चार्जशीट दाखिल किया. चार्जशीट में कहा गया है कि संसद हमले के गुनहगार अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में जेएनयू कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी दौरान साबरमती ढाबे के पास देश विरोधी नारे लगाए गये थे.
पुलिस ने फेसबुक पोस्ट, वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड, जेएनयू प्रशासन और वीडियो रिकॉर्डिंग को सबूत माना है. चार्जशीट में कहा गया है कि सीएफएसएल रिपोर्ट में कुछ वीडियो रिकॉर्डिंग सही पाई गई. चार्जशीट के कॉलम 12 में 36 और संदिग्धों के नाम है. लेकिन इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है.
कन्हैया ने टाइमिंग पर उठाए सवाल
कन्हैया कुमार ने चार्जशीट दाखिल करने पर चुटकी लेते हुए दिल्ली पुलिस और पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि तीन साल बाद चुनाव से पहले चार्जशीट दाखिल करना ये बताता है कि ये पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. हालांकि, कन्हैया ने साफ किया कि उन्हें देश की न्याय व्यवस्था में पूरा यकीन है.
क्या है मामला?
पिछले दिनों दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा था कि मामला अंतिम चरण में है. इसकी जांच पेचीदा थी क्योंकि पुलिस टीमों को बयान लेने के लिये अन्य राज्यों का दौरा करना पड़ा था. आरोप पत्र जल्द दायर किया जाएगा. देशद्रोह के आरोपों पर कन्हैया कुमार समय-समय पर कहते रहे हैं कि पुलिस के पास साक्ष्य है तो देशद्रोह जैसे मामलों में वह देरी क्यों कर रही है? मामला 9 फरवरी 2016 का है. इस मामले में 11 फरवरी 2016 को जेएनयू ने उच्चस्तरीय समिति गठित की थी.
जेएनयू में कथित देश विरोधी गतिविधियों की खबर तब कई सप्ताह तक सुर्खियों में रही थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं का साथ मिला था. जेएनयू की घटना के बाद कन्हैया कुमार, उमर खालिद पर कई बार हमले हुए. अब करीब तीन साल बाद दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाखिल करने जा रही है.