उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कल कड़कड़डूमा कार्ट में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट से ये पता चलता है कि योजना के साथ हिंसा कैसे की गई थी. ये जानकारी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दी है.


पिछले साल 24 और 25 फरवरी को सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में दंगे भड़क गए थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी. 581 लोग घायल भी हुए थे. इस घटना के खिलाफ कुल 755 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. दंगे से जुड़े 400 मामलों में अब तक 1818 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 137 आरोपियों की पहचान एफआरएस के जरिए की गयी और आपराधिक रिकॉर्ड का मिलान किया गया. बाकी 94 मामले में छानबीन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की तस्वीरों का इस्तेमाल हुआ. 23 फरवरी 2020 की शाम को उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे शुरू हुए थे.


पीड़ितों को अब तक 26 करोड़ रुपये का मुआवजा
दिल्ली दंगे को 1 साल पूरा हो गया है लेकिन दंगे के दौरान हुए जान माल के नुकसान की यादें अभी भी ताजा हैं. दंगे में हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार की ओर से बीते 1 साल में 26 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुआवजा दिया जा चुका है. जिसमें मौत, घायल लोगों घर, दुकान आदि के नुकसान के लिए दिया गया मुआवजा शामिल है.


आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली दंगे में मारे गए 44 लोगों के परिवार को कुल 4 करोड़ 25 लाख करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही दंगे के दौरान घायल होने वाले 233 लोगों को कुल एक करोड़ 75 लाख 40 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गये हैं.


दिल्ली सरकार की दी गई जानकारी के मुताबिक, अब तक कुल 731 लोगों को उनके घरों में दंगे के दौरान हुए नुकसान के लिए 8 करोड़ 51 लाख 27 हजार 499 रुपए की रकम मुआवजे के रूप में दी गई है. इसके साथ ही 1176 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे दुकान आदि में हुए नुकसान के लिए 11 करोड़ 28 लाख 18 हजार 042 रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए हैं.


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