नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए 10 किलो हेरोइन बरामद की है. जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 40 करोड़ रूपये है. स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि, इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से मोबाइल फोन और कई सिम भी बरामद किए गये हैं.


दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जानकारी मिली थी कि, ड्रग्स की एक बड़ी खेप मणिपुर के रास्ते दिल्ली और एनसीआर में सप्लाई होने वाली है. पुलिस के पास जानकारी थी कि, कुछ लोग म्यांमार से ड्रग्स का कच्चा माल लेते हैं, उसके बाद मणिपुर के पहाड़ी इलाके में ड्रग्स को तैयार किया जाता है, फिर दिल्ली और एनसीआर में सप्लाई की जाती है. स्पेशल सेल की टीम पिछले कई महीनों से इसी पर काम कर रही थी.


इस तरह दबोचे गये बदमाश


8 मार्च को स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि, कुछ संदिग्ध लोग ड्रग्स की एक बड़ी खेप लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाके में आने वाले हैं. इसी सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने सुबह करीब 7.30 बजे मौजपुर इलाके में जाल बिछाया. जैसे ही तीन सप्लायर ड्रग्स को लेकर वहां पर पहुंचे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जब इनकी तलाशी ली गई तो इनके पास से 10 किलो हेरोइन बरामद की गई. जिसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 40 करोड़ रुपये है. इन आरोपियों के नाम कपिल कुमार, राम नरेश और उदय पटेल हैं. जब इन तीनों से पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि ड्रग्स की इतनी बड़ी खेप यह लोग बिहार जेल में बंद जमीर कल्लू और फुरकान के कहने पर दिल्ली लेकर के आए थे.


जल्द पैसे कमाने के लालच में ड्रग्स के धंधे में आया


स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि, उदय पटेल बिहार का रहने वाला है. लेकिन वह बचपन से ही अपने चाचा के साथ मणिपुर में रह रहा था और वहां पर उसने मणिपुरी भाषा भी सीख ली थी. सबसे पहले वह मणिपुर में सब्जियां और पान का पत्ता बेचता था. लेकिन अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था. इसी वजह से जल्द पैसा कमाने के लालच में साल 2018 में वो ड्रग्स के एक मामले में गिरफ्तार हुआ. पटना जेल में बंद था और वहीं पर उसकी मुलाकात जमीर फुरकान और कल्लू से हुई, जो पहले से ही ड्रग्स के मामले में जेल में बंद थे. यहीं से वो इन तीनों के संपर्क में आया.


बाकी दो बाराबंकी के रहने वाले


पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार हुआ दूसरा शख्स कपिल कुमार यूपी के बाराबंकी का रहने वाला है और साल 2010 से ड्रग्स की तस्करी में शामिल है. ड्रग्स के मामले में वह कई बार जेल भी जा चुका है. पुलिस के मुताबिक, उसके गांव के ही रहने वाले एक अशोक नाम के शख्स ने उसकी पहचान जमीर और फुरकान से करवाई थी, तभी से वह भी उनके लिए काम करने लगा. इसके अलावा रामनरेश भी बाराबंकी का ही रहने वाला है और वह कपिल के लिए ड्राइवर का काम करता है. पैसों का लालच देकर कपिल ने उसे अपने साथ ड्रग्स के धंधे में शामिल किया था. फिलहाल पुलिस की टीम तीनों से लगातार पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि ड्रग्स की इतनी बड़ी खेप दिल्ली में यह लोग किसे सप्लाई करने वाले थे.


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