दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को बताया- फोर्स की कमी से हिंसा बढ़ी
उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में सोमवार को एक हेड कांस्टेबल समेत नौ लोगों की मौत हो गई और अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के जवानों समेत कई लोग घायल हुए है. प्रदर्शनकारियों ने कई मकानों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप में आग लगा दी और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय को बताया कि उनके पास इतना पर्याप्त बल नहीं है कि वह तुरन्त हिंसा को नियंत्रित कर सकें. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत नौ लोगों की मौत हो चुकी है.
दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ अपनी बैठक के दौरान पर्याप्त बलों की अनुपलब्धता के बारे में जानकारी दी.एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को बताया कि उनके पास उत्तरपूर्व दिल्ली में हिंसा को तुरन्त नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बल नहीं था.
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय को बताया गया है कि हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में सशस्त्र पुलिस की एक बटालियन (लगभग एक हजार कर्मी) तैनात की गई है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस को अर्धसैनिक बलों की कुल 35 कंपनियां उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें से 20 कंपनियां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पिछले तीन दिन में दी गई थी.
दिल्ली में बीते 30 सालों की सबसे बड़ी हिंसा, 10 लोगों की मौत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर दस हो गई है. इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शहीद हो गए हैं. हिंसा में 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में आज सुबह भी हिंसा व पत्थरबाजी की कई छिटपुट वारदातें होती रही. मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बृजपुरी समेत कई इलाकों में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती की गई है. इसके बाद भी कई इलाकों में आपसी भिड़ंत व एक दूसरे पर पत्थरबाजी की घटनाएं अभी भी हो रही हैं. दिल्ली में इतनी बड़ी हिंसा लगभग तीस साल बाद हुई है.
नोएडा में रेड अलर्ट जारी, पुलिस चला रही है जांच अभियान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में अलग अलग जगहों पर हिंसा को देखते हुए नोएडा में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) संकल्प शर्मा ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली- नोएडा सीमा पर पुलिस सघन जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि सोमवार देर रात से ही नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले सभी मार्गों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं, वाहनों की जांच जारी है और पुलिस के आला अधिकारी रात से ही स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.
दिल्ली हिंसा: सीलमपुर से जाफराबाद तक दुकानें बंद, रोजगार प्रभावित दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में हिंसा को देखते हुए नोएडा में रेड अलर्ट जारी, गाजियाबाद में भी सुरक्षा बढ़ी