नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट का विवाद अभी थमा नहीं है. जोरदार विरोध-प्रदर्शन के बाद दिल्ली के पुलिसवाले तो अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौट गए हैं, लेकिन काले कोट वाले वकील अभी भी हड़ताल पर हैं. वकील बार काउंसिल के कहने पर भी नहीं मान रहे. दिल्ली में पुलिसवालों और वकीलों के बीच शनिवार से यही स्थिति बनी हुई है. वकील दोषी पुलिसवालों को खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. आज वकीलों ने साकेत, रोहिणी और पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया और लोगों को अंदर जाने से रोका. इस दौरान दिल्ली की 6 जिला अदालतों में से तीन अदालतों में काम पूरी तरह ठप हो गया.



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  • एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि दिल्ली में पुलिस पर हमले का दुख है. केंद्रीय गृह मंत्रालय इससे पीछे नहीं हट सकता.

  • दिल्ली के हालातों और वकीलों के प्रदर्शन को लेकर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने आज उप राज्यपाल अनिल बैजल को हालातों की जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में मुख्य सचिव विजय कुमार देव और दिल्ली पुलिस के सभी संयुक्त आयुक्त उपस्थित थे.

  • वकीलों के विरोध प्रदर्शन से आम जनता को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. आम लोगों को भी कोर्ट के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. यहां लोग काफी दूर से कोर्ट कार्रवाई के लिए आए हैं. इन लोगों में महिलाएं भी शामिल हैं.

  • रोहिणी कोर्ट में एक वकील ने आत्मदाह करने की कोशिश की है. वहीं दूसरा वकील जान देने के लिए बिल्डिंग पर चढ़कर गया.

  • हड़ताली वकील किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं. रोहिणी और साकेत कोर्ट परिसर के गेट को बंद कर दिया गया है. किसी को अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा. वकील गेट पर ही नारेबाजी कर रहे हैं.


हड़ताली वकील क्या मांग कर रहे हैं?


कल इंडिया गेट पर पुलिसवालों ने कैंडल मार्च निकाला था. अब खबर ये है कि महिला वकील सुबह 11 बजे पटियाला हाउस कोर्ट परिसर से इंडिया गेट तक पैदल शांति मार्च निकालेंगी. बार एसोसिएशन की सख्त हिदायत के बावजूद दिल्ली के वकील हड़ताल वापस लेने के लिए तैयार नहीं हैं. वकीलों का कहना है कि कल दिल्ली पुलिस ने दबाव बनाने के लिए सुनियोजित ढंग से प्रदर्शन का नाटक करवाया. वकील तीस हजारी कोर्ट में हिंसा के लिए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और वकीलों पर लगाए गए मुकदमे को हटाने की मांग कर रहे हैं.


दिल्ली में कल जिस आईटीओ चौराहे के पास पुलिस के हजारों जवान ग्यारह घंटे तक धरने पर बैठे थे ,वहां आज ट्रैफिक सामान्य है. पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के जवान अपने-अपने रोस्टर के मुताबिक तय जगह पर ड्यूटी कर रहे हैं.


गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट के आदेश पर मांगा स्पष्टीकरण


आज इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई भी होनी है. दरअसल गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट में याचिका डालकर रविवार को दिए गए उसके आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा है. याचिका में कोर्ट से पूछा गया है कि क्या कोर्ट ने अपने आदेश में ऐसा कहा है कि आरोपी वकीलों के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी? मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और दिल्ली की निचली अदालतों की बार एसोसिएशन को नोटिस जारी कर आज तक जवाब देने को कहा है. गृह मंत्रालय ने ये याचिका दिल्ली पुलिस के जवानों के पुलिस मुख्यालय पर किये गये प्रदर्शन के बाद दायर की थी.


दिल्ली पुलिस ने क्यों किया था प्रदर्शन


गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस और वकीलों के बीच झड़प के मामले में सुनवाई करते हुए दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया था. वहीं कुछ और पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने का आदेश दिया था. इसी के विरोध में दिल्ली पुलिस के जवाब मंगलवार को सुबह से लेकर देर शाम तक प्रदर्शन करते रहे.


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