Jahangirpuri Violence: क्या झूठ बोल रहा है नाबालिग का परिवार? बोन टेस्ट कराने के लिए कोर्ट जाएगी दिल्ली पुलिस
Jahangirpuri Clash: जहांगीरपुरी हिंसा में अब तक 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 3 नाबालिगों को पकड़ा गया है. इन 3 नाबालिगों में से एक नाबालिग का दिल्ली पुलिस बोन टेस्ट करवाएगी.
जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri Violence) में अब तक 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 3 नाबालिगों को पकड़ा गया है. इन 3 नाबालिगों में से एक नाबालिग का दिल्ली पुलिस बोन टेस्ट करवाएगी. दरअसल इस आरोपी को पुलिस ने 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. पुलिस के मुताबिक इसकी उम्र 21 साल है लेकिन इसका परिवार हाई कोर्ट पहुंचा और वहां इस आरोपी का एक सर्टिफिकेट जमा करवाया जिसमें वो नाबालिग था. हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद दिल्ली पुलिस ने इस आरोपी को नाबालिग मानते हुए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड भेज दिया.
पुलिस के सूत्रों की मानें तो उन्हें लगता है कि इस नाबालिग आरोपी का परिवार झूठ बोल रहा है. यही वजह है कि पुलिस इस आरोपी का बोन टेस्ट करवाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. दरअसल Bone टेस्ट से ये साफ हो जाएगा कि आरोपी की उम्र क्या है और वो नाबालिग है या नहीं. इतना ही नहीं, पुलिस सूत्रों की मानें तो जो सर्टिफिकेट नाबालिग के परिवार ने अदालत में पेश किया था उसकी भी जांच की जाएगी ताकि सच सामने आ सके.
दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल की शाम हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर पथराव और आगजनी की घटना हुई. उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए. भारी हंगामा हुआ और फिर पत्थरबाजी और हथियार भी चले. यह घटना शाम 5 से 5.30 के बीच हुई. उस दौरान शोभायात्रा जहांगीरपुरी के कुशल सिनेमा के पास से गुजर रही थी, तभी अचानक से शोभायात्रा पर पथराव शुरू हो गया.
दूसरी ओर, जहांगीरपुरी में तोड़फोड़ अभियान की आलोचना से बेपरवाह दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निकायों ने शुक्रवार को कहा था कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान तेज करेंगे और सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने वाले ढांचे की पहचान करना जारी रखेंगे. दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों ने कहा है कि दोनों नगर निकायों में अतिक्रमण स्थलों की पहचान करने और अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के लिए नियमित बैठकें की जा रही हैं. बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने पूर्व में दोनों निगमों के महापौरों को अपने क्षेत्रों में रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों का अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा था.
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