Delhi Politics: आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के उस अंतरिम आदेश से ‘पूरी तरह से असहमत’ है जिसके तहत पार्टी और उसके नेताओं को उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) के खिलाफ किए गए कथित अपमानजनक पोस्ट, वीडियो और ट्वीट हटाने का निर्देश दिया गया है. साथ में पार्टी के नेताओं को सक्सेना के खिलाफ अन्य आरोप लगाने से भी रोक दिया गया है.


अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह पहले अदालत के इस फैसले का अध्ययन करेगी, वकीलों से सलाह-मशविरे करेगी और फिर मामले पर अपना अगला कदम उठाने का निर्णय करेगी.


दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा-सोशल मीडिया से पोस्ट-वीडियो हटाएं


बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आप’ और इसके कई नेताओं को उपराज्यपाल सक्सेना पर “झूठे” आरोप लगाने से बचने का मंगलवार को निर्देश दिया और साथ ही अदालत ने उन्हें सोशल मीडिया पर उपराज्यपाल के खिलाफ कथित अपमानजनक पोस्ट, वीडियो और ट्वीट हटाने के लिए भी कहा. न्यायमूर्ति अमित बंसल ने अंतरिम राहत देते हुए कहा, “मैं वादी के पक्ष में फैसला सुनाता हूं...”


विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है.


आम आदमी पार्टी ने कहा-कोर्ट के आदेश से अहमत हैं


‘आप’ के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने फैसले पर प्रतिक्रिया पूछने पर पत्रकारों से कहा, “हम (अदालत के) आदेश से पूरी तरह और विनम्रता से असहमत हैं. हम इसका अध्ययन करेंगे, वकीलों के साथ इस पर चर्चा करेंगे और आपको अपने अगले कदम के बारे में बताएंगे.” राजेंद्र नगर से विधायक पाठक ‘आप’ की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य हैं जो पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है.


उपराज्यपाल ने अपने और परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर साझा किए गए “झूठे” व “मानहानिकारक” पोस्ट, ट्वीट या वीडियो हटाने के लिए ‘आप’, इसके नेताओं आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह को निर्देश देने की भी अपील की थी.


आम आदमी पार्टी के नेताओं ने लगाया था आरोप


‘आप’ नेताओं ने आरोप लगाया था कि सक्सेना ने नवंबर 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का अध्यक्ष रहते हुए बंद कर दिए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों को नए नोटों में बदलवाने में अनिमियतता की थी। उन्होंने ‘आप’ और उसके पांच नेताओं से ब्याज सहित 2.5 करोड़ रुपये के हर्जाने और मुआवजे की भी मांग की है.


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