नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर जहरीली धुंध की चादर गहरी हो गई. लोगों ने सांस लेने में तकलीफ के साथ-साथ आंखों में जलन महसूस की. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा सफर के मुताबिक, दिल्ली में कल शाम के सात बजे वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी. सोमवार को वायु गुणवत्ता एक श्रेणी कम ‘अत्यंत खराब’ स्थिति में थी.


दिल्ली का ओवरऑल एक्यूआई शाम सात बजे 467 था. शाम चार बजे एक्यूआई 360 था. दिल्ली से सटे नोएडा, गुरुग्राम में तो स्थिति और भी बदतर है. नोएडा में शाम सात बजे पीएम 10 का स्तर 539 और पीएम 2.5 का स्तर 572 था. गुरुग्राम में पीएम 10 का स्तर 407 है और पीएम 2.5 का स्तर 511. गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर शाम को ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गया.


वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है. बता दें कि दिवाली के बाद दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में एक्यूआई करीब 1000 के करीब पहुंच गया था.


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इन वजहों से बढ़ा प्रदूषण


सर्दियों के आगाज के साथ ही, न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ़ गई है और भारीपन आ गया है, जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं. भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि हवा की गति में कमी आने के चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने में बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर भी दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिल रहा है.