नई दिल्लीः देश की राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने तीनों नगर निगम आयुक्तों को पत्र लिखकर दिल्ली में धूल से प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है. पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि डस्ट का दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा योगदान है. दिल्ली वाले सांस नहीं ले पा रहे हैं फिर भी एमसीडी मैकेनिकल स्वीपिंग नहीं कर रहा है. एनजीटी के आदेश के बावजूद मकैनिकल स्वीपिंग नहीं हो रही है.
दिल्ली में धूल से बढ़ा वायु प्रदूषण
पर्यावरण समिति ने तीनों नगर निगमों को शहर में धूल के बढ़ते स्तर और वायु प्रदूषण को लेकर पत्र लिखा है. पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि नगर निगम के द्वारा सड़कों की मैन्युअल सफाई के कारण धूल का स्तर बढ़ रहा है. शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर कई शिकायतों मिली हैं. वायु प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा होने से दम घुट रहा है. उन्होंने कहा कि TERI ने 11 जनवरी 2019 को ऑडिट रिपोर्ट जारी कर नई दिल्ली में सड़कों की अधिक से अधिक सफाई मशीनों से करने के लिए कहा था, क्योंकि शहर के वायु प्रदूषण में 38 फीसदी योगदान सड़क की धूल से होता है. इसी तरह का निष्कर्ष एनईईआरआई, नागपुर की ओर से दिया गया था.
सड़कों की मशीन से हो सफाईः SC
आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की ओर से जारी निर्देशों के बावजूद राजधानी में सड़कों की यांत्रिक सफाई के बजाए हस्तचलित रूप से हो रही है. सड़कों की हाथों से सफाई के कारण एसपीएम प्रदूषण होता है. नई दिल्ली में सड़कों की निरंतर हस्तचलति सफाई पूरी तरह से अस्वीकार्य और चिंता का कारण है. नई दिल्ली में मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन (एमआरएस मशीन) का उपयोग अनिवार्य हो गया है क्योंकि वैक्यूम सक्शन और स्प्रिंकल वॉटर के जरिए एसपीएम को कम करने और धूल को पकड़ने में मदद मिलती है.
हाथों से हो रही सफाईः आतिशी
आतिशी ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि 'सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों और TERI जैसे प्रमुख पर्यावरण अनुसंधान संगठनों की सिफारिशों के बावजूद 20,000 किलोमीटर से अधिक छोटी सड़कें हाथों से साफ की जाती हैं. प्रमुख समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक एमआरएस से केवल हर दिन लगभग 1300 किमी सड़क की सफाई होती है. यह वास्तव में भयावह है और माननीय एनजीटी द्वारा जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन है.'
तीनों नगर निगमों को जारी हुआ नोटिस
उन्होंने आगे कहा कि 'ऐसे में नई दिल्ली में लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तीनों नगर निगमों को तीन कार्य दिवस के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. तीनों नगर निगम रिपोर्ट में बताएं कि एनजीटी के आदेशों का पालन करने के लिए क्या कदम उठाए गए, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके. शहर में एमआरएस मशीनों के उपयोग और हाथों से सफाई को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी एक पूरी रिपोर्ट दी जाए. तीनों नगर निगम आयुक्त 30 दिसंबर को दोपहर 3 बजे पर्यावरण समिति के समक्ष उपस्थित हों.'
पत्र में इन प्रमुख बातों का उल्लेख किया गया है-
1. एनजीटी के निर्देशों और टेरी जैसे संस्थानों की सिफारिशों को लागू करने के लिए एमसीडी द्वारा उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट दी जाए
2. शहर में एमआरएस मशीनों के उपयोग पर एक विस्तृत रिपोर्ट दी जाए
3. इसके अलावा एमसीडी की तरफ से हाथों से सफाई को समाप्त करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों की रिपोर्ट दी जाए
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