नई दिल्ली: दिल्ली में पटाखों पर सख्ती बेअसर दिखी. दीवाली के मौके पर दिल्लीवासियों ने खूब पटाखे फोड़े. जिसकी वजह से प्रदूषण और अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. सुबह से ही धुंध की चादर (स्मॉग) बिछी है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन हो रही है. स्मॉग की वजह से विजिबिलिटी बेहद कम है. मॉर्निंग वॉक करने के लिए भी बहुत कम लोग बाहर निकले हैं.
दिल्ली के लोधी रोड पर लगे एयर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन पर आज सुबह पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर 500- 500 माइक्रो क्यूबिक था. यह बेहद खतरनाक स्थिति है. बता दें कि पीएम 2.5 बारिक कण होते हैं, पीएम 2.5 बढ़ने से ही धुंध बढ़ती है.
दिल्ली में कई जगह रात के तीन बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 999 के आखिरी स्तर पर पहुंच गया था. दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कितना खतरनाक है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भारत में प्रदूषण का स्तर मापने वाले मीटर 999 के बाद काम नहीं करते.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शाम सात बजे एक्यूआई 281 था. रात आठ बजे यह बढ़कर 291 और रात नौ बजे यह 294 हो गया. आनंद विहार, आईटीओ और जहांगीरपुरी समेत कई इलाकों में प्रदूषण का बेहद उच्च स्तर दर्ज किया गया. मयूर विहार एक्सटेंशन, लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, आईपी एक्सटेंशन, द्वारका, नोएडा सेक्टर 78 समेत अन्य स्थानों से कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किये जाने की सूचना मिली.
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती बेअसर
दिल्ली में खतरनाक स्तर पर प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों पटाखा छोड़ने के लिए समय सीमा निर्धारित किये थे. इसके बावजूद दिल्लीवासियों ने खूब पटाखे छोड़े. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा छोड़ने के लिये रात आठ से 10 बजे की समय-सीमा तय की थी. शीर्ष अदालत ने सिर्फ ‘हरित पटाखों’ के निर्माण और बिक्री की अनुमति दी थी. हरित पटाखों से कम प्रकाश और ध्वनि निकलती है और इसमें कम हानिकारक रसायन होते हैं.
न्यायालय ने पुलिस से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री नहीं हो और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित थाना के एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और यह अदालत की अवमानना होगी.
समय-सीमा का छिटपुट उल्लंघन किये जाने की बात स्वीकार करते हुए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने देर रात कहा, ‘‘हम हालात की निगरानी कर रहे हैं.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘उल्लंघन के छिटपुट मामले हुए हैं. कुछ इलाकों में लोग रात आठ से 10 बजे की समय-सीमा के बाद भी पटाखे फोड़ते नजर आए. उल्लंघन के ऐसे मामलों की ठीक-ठीक संख्या का पता लगाया जाना बाकी है. हालांकि, हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.’’
कोलकाता की बात करें तो शहर में काली पूजा के दौरान प्रदूषण का स्तर चार गुना ज्यादा दर्ज किया गया. वहीं मुंबई में भी लोगों ने खूब पटाखे छोड़े. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश के खिलाफ पटाखे चला रहे 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
दिल्ली में सांस लेना मतलब हर दिन 20 सिगरेट पीना
ट्रकों पर प्रतिबंध
प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बीच राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर आठ नवंबर से लेकर 10 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त पर्यावरण प्रदूषण (नियंत्रण एवं रोकथाम) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रतिबंध का फैसला किया है. आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले ट्रक को इस प्रतिबंध से छूट दिया गया है. इस संबंध में ईपीसीए ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के मुख्य सचिवों को दिशानिर्देश जारी किए हैं.