Delhi Pollution Update: दिल्ली में प्रदूषण का 5 साल का रिकॉर्ड टूटा, आज मिल सकती है कुछ राहत
Delhi Pollution Update: आज से 10 से 15 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से हवा चलने के आसार हैं, जिसके बाद प्रदूषण में कमी देखने को मिलेगी.
Delhi Pollution Update: राजधानी दिल्ली और एनसीआर में दीवाली के मौके पर खूब आतिशबाजी हुई, जिसके बाद वायु गुणवक्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई. बड़ी बात यह है कि दिल्ली में प्रदूषण का 5 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. हालांकि आज दिल्लीवासियों को प्रदूषण से कुछ राहत मिल सकती है, क्योंकि आज 10 से 15 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से हवा चलने के आसार हैं.
मौसम विशेषज्ञ डॉ आरके जेनामनी ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ‘’दिवाली से अगले दिन जो स्मॉग देखने को मिला है, उसके पीछे का मुख्य कारण पटाखा और पराली है. इसके साथ ही अभी हवा बिल्कुल नहीं चल रही है. इसी वजह से प्रदूषण का स्तर भी काफी ज्यादा रहा है.’’ लेकिन आज से 10 से 15 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से हवा चलने के आसार हैं, जिसके बाद प्रदूषण में कमी देखने को मिलेगी. 4 से 5 दिन बाद से हवा में प्रदूषण का स्तर कम हो जाएगा.’’
ला नीना की बात करें तो अभी उसको लेकर भारतीय मौसम विभाग ने किसी भी तरह की कोई प्रेडिक्शन नहीं की है. ठंड ज्यादा होना प्रदूषण को बढ़ाने का कारण नहीं होता है. अभी प्रदूषण इसलिए ज्यादा है, क्योंकि अभी पराली जलाई जा रही है. दीवाली पर पटाखे चलाये गए और साथ ही हवा भी बिल्कुल नहीं चली. लेकिन ये सब नवम्बर तक रहेगा, उसके बाद ठीक हो जाएगा.
पटाखे जलान से बढ़ा AQI स्तर- गोपाल राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. इसके पीछे दो कारण है. एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं. 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं. कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI स्तर बढ़ा है. बीजेपी ने इसलिए पटाखे जलवाए कि ग्रीन पटाखे नहीं थे.
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी ने गोपाल राय पर पलटवार करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार वायु प्रदूषण को काबू करने में नाकाम रही है. बीजेपी आईटी विभाग के राष्ट्रीय प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि राय दिल्ली में 'खतरनाक' वायु गुणवत्ता की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अच्छा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. मालवीय ने ट्वीट किया, ' पटाखे जलाये जाने से पहले ही दिल्ली का एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका था. अन्यथा सुझाव दे रहे लोग अरविंद केजरीवाल को अच्छा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्होंने दिल्ली वालों को पटाखे जलाने से रोकने के लिए एक द्वेषपूर्ण अभियान चलाया था.'