आज कांग्रेस में शामिल होंगे कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी, पार्टी दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर
चर्चा है कि बिहार में कन्हैया और गुजरात में जिग्नेश को कांग्रेस बड़ा पद दे सकती है. इसी रणनीति के तहत आने वाले दिनों में कुछ और युवा नेता कांग्रेस में शामिल होंगे.
नई दिल्ली: स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती के मौके पर आज कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस में शामिल होंगे. कांग्रेस में शामिल होने से पहले आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के बाहर कन्हैया कुमार का स्वागत करते हुए पोस्टर लगाए गए हैं. कन्हैया कुमार फिलहाल सीपीआई नेता हैं और जिग्नेश मेवाणी गुजरात में निर्दलीय विधायक हैं.
राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता लेंगे कन्हैया और जिग्नेश
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि आज शाम कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी की मौजूदगी में दोनों युवा नेता कांग्रेस का दामन थामेंगे. दलित नेता जिग्नेश के साथ उनके कुछ साथी भी कांग्रेस में शामिल होंगे. कांग्रेस में कन्हैया और जिग्नेश की भूमिका क्या होगी इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है. हालांकि बताया जा रहा है कि दोनों युवा नेता देश भर में युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने और मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलनों की मुहिम चला सकते हैं.
बिहार में कन्हैया और गुजरात में जिग्नेश को बड़ा पद दे सकती है कांग्रेस
चर्चा यह भी है कि बिहार में कन्हैया और गुजरात में जिग्नेश को कांग्रेस बड़ा पद दे सकती है. इसी रणनीति के तहत आने वाले दिनों में कुछ और युवा नेता कांग्रेस में शामिल होंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने वाले कन्हैया और जिग्नेश से खासे प्रभावित हैं. इन युवा नेताओं के जरिए राहुल एक नई टीम बनाते हुए नजर आ रहे हैं. इससे कांग्रेस को क्या लाभ होगा यह वक्त बताएगा, लेकिन वामपंथी पृष्ठभूमि के नेताओं को कांग्रेस में लाने पर राहुल गांधी खुद सवालों में घिर सकते हैं.
बीते दिनों में एक-एक करके कांग्रेस से कई नेता दूसरी पार्टियों में शामिल हुए हैं. कांग्रेस के अंदर कई वरिष्ठ नेता असंतुष्ट चल रहे हैं. इन सबके बीच राहुल के रणनीतिकारों को लगता है कि कन्हैया और जिग्नेश के साथ से राहुल को मोदी विरोध की राजनीति में मजबूती मिलेगी. ये नेता युवाओं के बीच संदेश देंगे कि मोदी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी नहीं बल्कि राहुल गांधी हैं.