दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में भारी बारिश के बाद राव IAS कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई. तीनों छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि बेसमेंट से तीनों के शवों को बरामद कर लिया गया है. इनकी पहचान भी की जा चुकी है.


मृतक छात्रों की पहचान तानिया सोनी (तेलंगाना), श्रेया यादव (UP) और नेविन डालविन (केरल) के तौर पर हुई है. दिल्ली अग्निशमन विभाग (DFS) के मुताबिक, शनिवार शाम करीब सात बजे राव आईएएस स्टडी सेंटर कोचिंग में जलभराव की सूचना मिली थी. कॉल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वहां कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है. इस बात की जांच की जा रही है कि पूरे बेसमेंट में पानी कैसे भर गया?


पुलिस ने लगाईं कौन सी धाराएं?

दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर का मालिक और कॉर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या समेत अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 106 (1) (जल्दबाजी या लापरवाही में किए कार्य से किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनना, जो आपराधिक मानव वध की श्रेणी में नहीं आता), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 290 (इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या बनाने के संबंध में लापरवाही) और धारा 35 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

दिल्ली सरकार ने दिए जांच के आदेश

अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती जांच से पता चला है कि बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी, जहां करीब 30-35 छात्र-छात्राएं मौजूद थे. उन्होंने बताया कि बेसमेंट में बड़ी मात्रा में पानी भरा था और फंसे हुए छात्रों को बाहर निकालने के लिए रस्सियों का सहारा लिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोचिंग सेंटर में पानी भर जाने पर वहां रखा फर्नीचर तैरने लगा, जिससे बचाव रेस्क्यू में दिक्कत हुई.


 उधर, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया, यह घटना कैसे हुई, इसका पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा.


सड़क पर उतरे छात्र, बीजेपी ने आप को घेरा


छात्रों की मौत पर तमाम साथी छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान छात्रों ने अधिकारियों और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों ने एमसीडी पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है. उधर, इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने इस मामले में दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आप को जिम्मेदार ठहराया है. 


बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने घटनास्थल का दौरा किया. सचदेवा ने कहा, इस हादसे के लिए दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है. जल बोर्ड मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए.


बांसुरी स्वराज ने कहा कि छात्रों को बचाने के लिए गोताखोरों को बुलाना पड़ा. उन्होंने कहा, पिछले एक हफ्ते से स्थानीय लोग AAP विधायक दुर्गेश पाठक से नाले की सफाई करवाने की मांग कर रहे थे. लेकिन दुर्गेश पाठक ने उनकी एक न सुनी. इस घटना के लिए अरविंद केजरीवाल, दुर्गेश पाठक और ‘आप’ सरकार जिम्मेदार हैं. 


AAP ने किया पलटवार


आप विधायक दुर्गेश पाठक ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, पानी निकल गया है. दिल्ली के अंदर कई जगहों में बेसमेंट को लाइब्रेरी बना रखा है. ये क्रिमिनल एक्टिविटी है. इसपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जो कोई भी जिम्मेदार है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जब तक कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक कुछ नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा, दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम खराब है. 15 साल से एमसीडी में भाजपा थी. लेकिन मैं राजनीति नहीं करना चाहता हूं. भाजपा राजनीति करेगी,  मैं उसमें नहीं जाना चाहता हूं. 


 स्वाति मालीवाल बोलीं- ये सीधे-सीधे मर्डर है


आप राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने कहा, ये सीधे सीधे मर्डर है. एफआईआर होनी चाहिए. जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार के नुमाइंदो के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए. जिन बच्चों की मौत हुई है, उन्हें एक करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए। 


उन्होंने कहा, हर दिन एसी में बैठकर पीसी करते हैं. मेयर ने कहा था कि मॉनसून आने वाला है. आनंद लीजिए, ये है इंजॉएमेंट. 10-12 दिन पहले काउंसलर को कहा गया था ये ड्रेनेज को ठीक कीजिए लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया. एमसीडी की मेयर और दिल्ली सरकार के मंत्री यहां क्यों नहीं है? मैं ये सवाल संसद में उठाउंगी. जो बच्चे मरे उनके परिवार को कोई क्या जवाब देगा?  शर्म आनी चाहिए. ये लापरवाही नहीं, मर्डर है.