दिल्ली: घर-घर राशन योजना पर फिर घमासान, केंद्र की चिट्ठी पर मनीष सिसोदिया बोले- पीएम इतने झगड़ालू क्यों हैं?
दिल्ली में घर-घर राशन योजना पर केंद्र ने चिठ्ठी लिखकर रोक की वजह बताई है. इस पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इतने झगड़ालू क्यों हैं? सिसोदिया ने पूछा कि जब घर-घर पिज्जा और कपड़े डिलीवर होते हैं तो राशन क्यों नहीं हो सकता?
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की घर-घर राशन योजना को लेकर एक बार फिर सियासत गरमाई हुई है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि केंद्र सरकार ने चिठ्ठी लिखकर योजना पर रोक लगाने के बहाने बताये हैं. मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में गरीब लोगों का पीडीएस का राशन उनके घर पर पहुंच सके, जैसे पिज़्ज़ा और कपड़े डिलीवर होते हैं इसके लिए एक योजना अरविंद केजरीवाल ने बनवाई थी. लेकिन केंद्र ने इस पर रोक लगा दी थी. हालांकि उनका इसपर कोई अधिकार नहीं था क्योंकि राशन कैसे बांटा जाएगा ये राज्य सरकार तय करती है.
चिठ्ठी का ज़िक्र करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि कल भारत सरकार की एक और चिठ्ठी आई है जिसमें मुख्य तौर पर दो बातें लिखी हैं. इसमें प्रधानमंत्री ने लिखवाया है कि आपका गरीब लोगों को घर-घर जाकर राशन बांटने का प्रपोजल रिजेक्ट किया जाता है. लेकिन हमने तो कोई प्रपोजल भेजा नहीं है. ये तो आपने अखबारों में खबर पढ़कर ये चिंता व्यक्त की थी कि इसका नाम मुख्यमंत्री घर-घर योजना मत रखों तो हमने वो नाम हटा लिया. फिर आपने कौन सा प्रोपोजल रिजेक्ट कर दिया? सबसे महत्वपूर्ण बात जो इस चिठ्ठी में लिखी है वो ये है कि गरीबों का राशन उनके घर क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो बहाने दिए हैं उसमें मुख्य तौर पर कुछ बातें लिखी हैं. चिठ्ठी में पूछा गया है कि आपने ये नहीं बताया कि इसका दाम क्या होगा? आप हमसे ही पूछ लेते कि दाम क्या होगा तो हम बता देते. लेकिन आपने बिना पूछे ही मना कर दिया. जबकि हमने योजना में लिखा है कि भारत सरकार के तय किये हुए दाम से ज़्यादा दाम नहीं होगा. लेकिन आपने तो हमसे पूछा ही नहीं.
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि दूसरा बहाना ये है कि जिसके घर राशन जाता है पता कैसे चलेगा कि उसका पता ठीक है? कैसे सुनिश्चित किया जाएगा ये पता ठीक है? तीसरा बहाना ये है कि ये जो गरीब लोग हैं ये तंग गलियों में रहते हैं वहां राशन कैसे पहुंचेगा? चौथा बहाना है कि ये गरीब लोग मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में तीसरी चौथी मंजिल पर रहते हैं उनके घर राशन कैसे पहुंचेगा? अगला बहाना है कि अगर किसी व्यक्ति ने पता बदल लिया तो उसके घर राशन कैसे पहुंचेगा? एक बहाना है कि अगर राशन की गाड़ी खराब हो गई या ट्रैफिक में फंस गई तो राशन कैसे पहुंचेगा?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे कई बार प्रधानमंत्री के इन बहानों को सोचकर हंसी आती है कि उन्हें क्या-क्या बहाने ढूंढने पड़ रहे हैं कि गरीब आदमी के घर राशन न पहुंचे. जिस गली में रहने वाले व्यक्ति को पिज़्ज़ा पहुंच सकता है वहां राशन क्यों नहीं पहुंच सकता?
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए सिसोदिया ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि आप हर वक्त इतने झगड़ालू मूड में क्यों रहते हैं? देश में पहली बार इतना झगड़ने वाला प्रधानमंत्री देखा है 75 साल के इतिहास में. जो सुबह-शाम राज्यों से झगड़ने में लगा रहता है. आप इतने झगड़ालू प्रधानमंत्री हैं क्यों? आप कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से लड़ रहे होते हैं, कभी उनके चीफ सेक्रेटरी से झगड़ लेते हैं, ट्विटर और फेसबुक से झगड़ लेते हैं. ये चिठ्ठी मैं पढ़ रहा था तो मुझे लग रहा था कि एक दिन आप सुबह सुबह उठे होंगे और आपने लिस्ट देखी होगी और फ़ूड सेक्रेटरी कहा होगा कि आज केजरीवाल से झगड़ना है. इसलिये उनकी राशन की योजना कैंसिल कर दो.आपके फ़ूड सेक्रेटरी ने तो आपको बताया होगा कि दिल्ली सरकार का कोई प्रपोजल नहीं है जिस आपने रिजेक्ट कर दिया.”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं आपसे कि आप 21वीं सदी के युवा भारत प्रधानमंत्री हैं. और युवा भारत के प्रधानमंत्री को ये बात शोभा नहीं देती कि जिन घरों में पिज़्ज़ा पहुंचाया जा सकता है उन घरों में राशन नहीं पहुंचाया जा सकता? आप सिर्फ झगड़ा करने के बहाने ढूंढते हैं. इस देश के युवाओं की आज इतनी औकात है कि आप उन्हें राशन देकर कहोगे कि इसे चांद पर पंहुचाना है तो वो चांद पर पहुंचा देगा. आज हमारे देश के युवा चांद पर राशन पहुंचाने की औकात रखते हैं और आप कह रहे हैं कि तंग गलियों और तीसरी मंजिल पर नहीं ले जा सकते. मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आप अपनी सोच बड़ी रखिये. आप के इस झगड़ालू स्वभाव से देश की जनता तंग आ चुकी है.
दिल्ली सरकार को भेजी गई चिठ्ठी में केंद्र सरकार द्वारा राशन की होम डिलीवरी पर रोक लगाने के ये 7 कारण बताए गए हैं.
- जहां राशन पहुंचाना है वो पता ठीक है कैसे पता चलेगा?
- जिन लोगों को राशन देना है वो पतली गलियों में रहते हैं तो उतनी पतली गलियों में कैसे पहुंचेगा राशन?
- कई लोग मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहते हैं वहां कैसे पहुंचेगा?
- अगर एड्रेस चेंज हो गया तो कैसे पहुंचेगा राशन
- राशन वाली गाड़ी खराब हो गई तो कैसे पहुंचेगा?
- राशन वाली गाड़ी यदि ट्रैफिक में फंस गई तो कैसे पहुंचेगा राशन?
- आपने हमें बताया ही नहीं कि राशन की प्राइस क्या होगी?