दिल्ली: कोरोना संक्रमित डॉक्टर के इलाज का खर्च उठाने को सामने आया RDA,गंगाराम अस्पताल प्रशासन ने लिया फ्री ट्रीटमेंट देने का फैसला
डॉक्टर जोगिंदर की स्थिति अब भी गंभीर है, लेकिन स्थिर है. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. सभी को पूरा विश्वास है कि जल्द ही वो इस बीमारी को हराकर एक बार फिर ड्यूटी पर वापस लौटेंगे.
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नई दिल्ली: किसान पिता का डॉक्टर बेटा कोरोना से जंग के दौरान संक्रमित हो गया. बेटे के इलाज का बिल करीब 4 लाख हो गया तो पिता के सामने सवाल खड़ा हो गया कि अपने डॉक्टर बेटे का इलाज कैसे करा पाएंगे. ऐसे में अस्पताल के रेसिडेंट्स डॉक्टर मदद के लिए सामने आये. हालांकि डॉक्टर का इलाज करने वाले अस्पताल ने अब कोई भी शुल्क न लेने का निर्णय लिया है.
27 जून को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे डॉक्टर दरअसल दिल्ली के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के पद पर काम करने वाले 27 साल के डॉक्टर जोगिंदर चौधरी की नियुक्ति पिछले साल अक्टूबर में ही हुई थी. कोरोना के दौरान वो अस्पताल में कोविड ड्यूटी में अपनी सेवाएं दे रहे थे. 24 जून के आसपास उनकी तबियत बिगड़ी, जिसके बाद 27 जून को उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया. डॉक्टर जोगिंदर को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी तबियत बिगड़ने लगी. उनका परिवार मध्य प्रदेश के नीमच में रहता है. उनके पिता रजिंदर चौधरी किसान हैं. डॉक्टर की तबियत बिगड़ने पर जब पिता को दिल्ली बुलाया गया तो डॉक्टर जोगिंदर ने पिता को उन्हें गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराने को कहा.
अपने साथी की मदद करने के लिए आगे आया रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन 8 जुलाई को उन्हें सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया. खराब स्थिति के चलते उन्हें ICU में वेंटिलेटर पर रखा गया. इस बीच का अस्पताल का बिल 4,18,679 रुपए का बन चुका है. किसान पिता इस बिल को चुका पाने में असमर्थ थे, जिसके चलते उन्होंने गंगाराम अस्पताल प्रशासन को बिल माफ करने या रियायत देने को लेकर पत्र लिखा. इस बीच बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) खुद अपने साथी की मदद करने का निर्णय लिया. जूनियर से लेकर सीनियर सभी डॉक्टर्स ने करीब तीन लाख रुपये इकठ्ठा करके राजिंदर चौधरी को दिये. इसके अलावा डॉक्टर जोगिंदर चौधरी के साथ पढ़ाई किये हुए अलग अलग राज्यों में रह रहे डॉक्टर्स ने भी मदद की.
बेटे के इलाज में मदद के लिए बेबस पिता ने अस्पताल प्रशासन और सरकार से लगाई थी गुहार ABP न्यूज़ से बातचीत में राजिंदर चौधरी ने इन सभी का शुक्रिया अदा किया. उनका कहना है कि उनके बेटे की हालत अभी भी गंभीर है, डॉक्टर्स ने कहा है कि कुछ और दिन वेंटिलेटर पर रखना पड़ सकता है. ऐसे में वो इतना खर्च उठा पाने में असमर्थ हैं. बेबस पिता की अस्पताल प्रशासन और सरकार से ये गुहार है कि उनके बेटे इस आपदा के दौरान अपनी ड्यूटी निभाई तो उसके इलाज में कुछ मदद या रियायत कर दें. इससे संबंधित पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री को भी लिखा है.
गंगाराम अस्पताल उठा रहा है इलाज का सारा खर्च इस मामले में ABP न्यूज़ ने सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन बोर्ड ऑफ मेम्बर्स, डॉ डी एस राणा से बात की. डॉक्टर राणा ने ABP न्यूज़ को बताया कि डॉक्टर जोगिंदर कोविड ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए और उनकी निःस्वार्थ सेवा को देखते हुए सर गंगाराम अस्पताल प्रशासन ने उनके इलाज का सारा खर्च फ्री करने का निर्णय लिया है.
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