Covid Cases in Delhi: कोरोना से मुश्किल हालात, मुकाबले के लिए दिल्ली कितनी तैयार? जानिए क्या है सरकार का प्लान
Covid 19 Cases Increased in Delhi: सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में है. अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन फैसिलिटी और कोविड केयर सेंटर को सेटअप करके, सरकार ने हालात बेकाबू होने से पहले तैयारी पूरी कर ली है.
Delhi Preparation Against Covid: देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके है. देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना मामलों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटे में 15 हजार से ज्यादा नए कोरोना मामले सामने आए हैं तो वहीं पॉजिटिविटी रेट भी 15 फीसदी से ज्यादा हो गया है. ऐसे में सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में है. अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन फैसिलिटी और कोविड केयर सेंटर को सेटअप करना, सरकार ने हालात बेकाबू होने से पहले तैयारी पूरी कर ली है.
अस्पतालों के साथ-साथ दिल्ली में कोविड केयर सेंटर पर खास ध्यान दिया जा रहा है. हल्के लक्षण और आइसोलेशन में रखे जाने वाले मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखने के इंतजाम किए जा चुके हैं. अस्पतालों में बेड्स की किल्लत पिछली बार साफ तौर पर दिखाई दी थी. इस बार सरकार कोई चूक नहीं करना चाहती है. यही वजह है कि अस्पतालों में बेड बढ़ाने के साथ-साथ कोविड केयर सेंटर में भी बेड्स की संख्या को बढ़ा दिया गया है. खास बात यह है कि इस बार कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन का खास ख्याल रखा गया है, जिससे अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है तो इसकी कोई कमी नहीं होगी.
अस्पतालों से किए गए अटैच
कोविड केयर सेंटर को अस्पतालों से अटैच किया गया है, जिससे यहां भर्ती मरीजों की अगर हालत गंभीर स्थिति में पहुंचती है तो उनको तुरंत अस्पताल में शिफ्ट किया जा सके. दिल्ली में कई कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें शहनाई मैरिज हॉल को एलएनजेपी से अटैच किया गया है. यमुना स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, सीडब्ल्यूजी, निरंकारी कोविड सेंटर को भी अस्पतालों से अटैच किया गया है. डॉक्टर्स फॉर यू संगठन दिल्ली सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजधानी में कई कोविड केयर सेंटर चला रहा है. 'डॉक्टर्स फॉर यू' के रजत जैन कहते हैं कि अगर लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ेगी तो सरकार, डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन, एनजीओ सब मिलकर काम करेंगे.
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कोविड की सेकंड वेव में सबसे ज्यादा डर ऑक्सीजन का रहा, इसलिए ज्यादातर सेंटर्स पर इस तरह के अरेंजमेंट कराए गए हैं कि कुछ भी हो जाए, जो भी मेडिकल हेल्प चाहिए होगी उसकी कमी ना हो. चाहे ऑक्सीजन हो, दवाइयां हों , सपोर्टेड केयर हो या ट्रेन मेडिकल स्टाफ सब मुहैया कराया जाएगा. यमुना स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स और सीडब्ल्यूजी में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. शहनाई मैरिज हॉल है इसलिए यहां प्लांट नहीं लगा हुआ है, लेकिन यहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगे हैं. बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है तो सरकार 50,000 बेड भी बना सकती है, लेकिन अभी भी काफी बेड है. 800 बेड यमुना स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स, 500 सीडब्ल्यूजी, 100 शहनाई मैरिज हॉल में हैं.
सरदार पटेल सेंटर पर 5000 से 10000 तक की बेड फेसिलिटी को तैयार किया जा सकता है. इंदिरा गांधी में 1200- 1500 बेड को बढ़ाया जा सकता है. आज स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि कोई भी मरीज जो आईसोलेशन में है, वह पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद डिस्चार्ज हो सकता है. अगर उसे 3 दिन लगातार कोई लक्षण नहीं आता है. इसमें मरीज को फिर से टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं है.
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हालांकि चिंता की बात यह है कि आज 17 हजार के करीब केस आने की संभावना हैं और पॉजिटिविटी रेट 17% के आसपास रहने की आशंका जताई जा रही है. स्वास्थ मंत्री ने यह भी कहा कि ओमिक्रोन की लहर को देखते हुये जो पाबंदियां लगाई गई हैं वो ज़रूरी थी, बाद में पछताने से अच्छा है सख्ती बरतना. दिल्ली में डीडीएमए की मीटिंग के बाद कई सारी पाबंदियां लगा दी गई है जिसमें वीकेंड कर्फ्यू और नाइट कर्फ्यू लागू है. गनीमत यह है कि वीकेंड कर्फ्यू के दौरान कंस्ट्रक्शन बन्द नही किया गया है. इस बार पहले के मुकाबले 6 गुना मरीज़ कम हैं.
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