(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली में डॉग बाइट के तीन साल में रोजाना 120 मामले, 2009 से नहीं हुई आवारा कुत्तों की गणना
दिल्ली में 2009 के बाद से अब तक आवारा कुत्तों की गणना नहीं हुई है.2017 से रोजाना 120 डॉग बाइट के मामले तीन निगमों में दर्ज किए गए.
नई दिल्ली: 2017 से दिल्ली में प्रति दिन 120 कुत्तों के काटने के मामले दर्ज किए गए हैं. ये आंकड़े दिल्ली के तीन नगर निगम के हैं. हालांकि कुत्तों के काटने का वास्तविक आंकड़ा ज्यादा हो सकता है क्योंकि रिपोर्ट में उन लोगों को शामिल नहीं किया गया है जिनका इलाज निजी क्लीनिक और अस्पतालों में हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से जून 2020 के दौरान डेढ़ लाख लोगों का दक्षिण, पूर्वी और उत्तरी दिल्ली के निगम अस्पतालों और डिस्पेंसरी में इलाज किया गया.
दिल्ली में कुत्तों के काटने के रिकॉर्ड मामले
पिछले तीन सालों में उत्तरी दिल्ली निगम के महर्षि वाल्मीकि संक्रमण रोग अस्पताल में रेबीज से संबंधित 38 मौत के मामले दर्ज किए गए. हाल ही में खुलासा किया गया कि सिर्फ उत्तरी दिल्ली निगम के स्वास्थ्य केंद्रों में 2017 से 2020 के दौरान 64 हजार 836 से ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आए. वहीं महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में 349 रेबीज के मामलों का इलाज किया गया. एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, "इलाज के लिए आनेवाले बहुत सारे मामले गरीब परिवारों से संबंधित होते हैं. ये संक्रमण के बहुत देर बाद के चरण में आते हैं. अगर लंबे समय तक मामले में लापरवाही बरती गई तो बीमारी जानलेवा हो सकती है."
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि भारत में हर साल रेबीज से होनेवाली मौत की 36 फीसद घटना सामने आती है. ज्यादातर मामले बच्चों के होते हैं जो संक्रमित कुत्तों के संपर्क में आने के कारण बीमार पड़ते हैं. दक्षिण दिल्ली निगम के अधिकारी बताते हैं कि दक्षिण दिल्ली निगम के स्वास्थ्य केंद्रों में 2018 के दौरान 14 हजार कुत्तों के काटने के मामले दर्ज किए गए. 2019 में 11 हजार 760 और 2020 से अब तक 4 हजार 28 मामले उजागर हुए. पूर्वी दिल्ली के क्लीनिक और महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में पिछले तीन साल के दौरान 55 हजार 398 कुत्तों के काटने की रिपोर्ट दर्ज की गई. निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एंटी रेबीज की दवाइयों की गैर मौजूदगी के कारण ज्यादातर लोगों को पिछले साल निजी क्लीनिक जाने का सुझाव दिया गया.
2009 के बाद नहीं हुई आवारा कुत्तों की गणना
उत्तरी दिल्ली निगम की स्थिति अभी भी चिंताजनक है. उन्होंने आगे बताया कि डिस्पेंसरी में एंटी रेबीज के इंजेक्शन की सुविधा नहीं है. हिंदू राव अस्पताल में 2017 से अब तक 35 हजार डॉग बाइट के 780 मरीजों का इलाज किया गया. खतरे में बढ़ोतरी के बावजूद राजधानी में आवारा कुत्तों की संख्या का पता नहीं लगाया जा सका है. पिछली बार 2009 में दिल्ली निगम के आवारा कुत्तों पर किए गए सर्वे में 5.6 लाख कुत्तों के मौजूद होने की बात सामने आई थी. उत्तरी नगर निगम के एक अधिकारी बताते हैं कि उसके बाद आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा जरूर हुआ होगा. 2016 में ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल की तरफ से किए गए सर्वे में सिर्फ दक्षिणी दिल्ली में आवारा कुत्तों की संख्या 1.9 लाख थी.
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