नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के पांच हजार से अधिक नए केस सामने आए हैं. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में यहां कोरोना के 5482 नए मामले दर्ज किए गए हैं और 98 और मरीजों की मौत हो गई है. इसके साथ ही पिछले 24 घंटे में 5937 मरीज ठीक भी हुए हैं.


नए मामलों के सामने आने के साथ ही दिल्ली में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 5 लाख 56 हजार 744 हो गए हैं. वहीं इलाज के बाद अब तक 5 लाख 9 हजार 654 मरीज रिकवर हो चुके हैं. फिलहाल दिल्ली में एक्टिव केस की संख्या 38 हजार 181 है और अब तक इस वायरस की वजह से 8909 लोगों की मौत हो चुकी है.





कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए केंद्र ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया


वहीं शुक्रवार को केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. केंद्र ने कहा कि बार-बार कहने के बावजूद उसने जांच क्षमता, विशेष तौर पर आरटी-पीसीआर जांच, बढ़ाने के लिये कदम नहीं उठाए और काफी समय से रोज 20 हजार के करीब आरटी-पीसीआर जांच ही हो रही थी.


केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार को ठंड, त्योहारी सीजन और प्रदूषण के दौरान मामलों में बढ़ोतरी की पूरी जानकारी थी और इसके बावजूद लोगों को पर्याप्त रूप से जागरूक करने के लिए उपायों को समय से अमल में नहीं लाया गया.


सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा, “ डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण समेत दिल्ली सरकार की उपलब्धियों पर जहां नियमित विज्ञापन थे वहीं कोविड-19 अनुकूल व्यवहार पर कोई विज्ञापन नहीं देखा गया. व्यापक रूप से लोगों को भी नियमित संपर्क उपायों के जरिए इसकी जानकारी नहीं थी.”


मंत्रालय ने कहा, “कोविड-19 के बढ़ते मामलों के संदर्भ में बार-बार कहे जाने के बावजूद दिल्ली सरकार ने जांच क्षमता बढ़ाने के लिये कदम नहीं उठाए, खास तौर पर आरटी-पीसीआर के लिये, जो करीब 20,000 जांच के स्तर पर काफी समय से स्थिर थी.”


जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर एस रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह ने केंद्र के हलफनामे को संज्ञान में लिया और कहा, “चीजें बद् से बद्तर होती जा रही हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा.”


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